भविष्य का सम्बन्ध वर्तमान से

  इतिहास गवाह है इन्सान ने जब भी किसी विपदा ( विपत्ति ) का सामना अगर किया है  तो उसका जिम्मेदार वो खुद होता है | उसी के  द्वारा की हुई गलती का भुगतान वो बाद में  करता है  , क्युकी जब हम कोई फैसला  लेते हैं तो हमे सिर्फ वर्तमान का ही सुख दिखता है और उसी  ख़ुशी का भुगतान हमें  भविष्य में  दर्द सह कर करना  होता है | चलो आज हम इतिहास के कुछ  एसे ही वाकयों  पर नज़र डालते हैं जिससे सारी दुनियां अच्छे से परिचित है | अब रामायण को ही ले लेते हैं कौन  नहीं जानता रामायण को , इनके किरदारों को मेरे ख्याल से सभी भारतीय इस बात से वाकिफ हैं कि  ये हमारे देश का बहुत पवित्र  ग्रन्थ है | हम इसे पड़ते हैं इसकी पूजा करते हैं और दशहरे के आगमन के साथ ही  हर घर में  इसकी चर्चा सुनी जा सकती है | रामायण हमें इन्सान के हर रूप से पहचान करवाने का मौका देते हुए इंसान के हर किरदार से ताल्लुख करवाती है जैसे  किस तरह से चाल चल कर  केकई ने राम को बनवास दिया इससे उसकी चालाकी का पता चलता है फिर चारों भाइयो का एक दुसरे के प्रति समर्पण , सीता का पति के लिए त्याग , पिता का बेटे के प्रति प्यार और  रावण का लालच आदि |
रामायण में   इन्सान के हर चरित्र का  चित्रण बखूबी से  दिखाया गया है | हमारी हर पीड़ी उसे पढ़ती  है उसका बखान भी करती है पर अफ़सोस ,  उसे बहुत प्यार से समेट के रख भी देती है | हर एक के साथ बैठ कर श्री राम . सीता माँ , लक्ष्मण , भारत के बारे में सब चर्चा भी करते हैं की उन्होंने कितना बड़ा त्याग किया , लक्ष्मण ने श्री राम का कितना साथ दिया पर जिस मकसद को पूरा करने के लिए श्री राम , कृष्ण ने ये लीलाएं रचाई क्या  हमने उन्हें अपने जीवन मै ग्रहण किया ? नहीं किसी ने नहीं !  अरे .....जो खुद अंतर्यामी हो सारी सृष्टि जिसके इशारों पर चलती  हो , जिसकी रज़ा से एक पत्ता भी नहीं हिल पाता हो , उसे ये सब कष्ट सहने की जरुरत ही क्या थी ! ये सब हमारे लिए किया गया एक खूबसूरत प्रयास था की इन्सान ..........आगे जब भी कोई कदम उठए तो वो रामायण , महाभारत और बड़े - बड़े गर्न्थों से सबक सीख  सके  | उसने तो हर कदम पर हमारा साथ देना चाहा पर हमने कभी कोशिश ही नहीं की | हमने उसे सिर्फ और सिर्फ अपने  धर्म  का  नाम दे कर ही संभाल लिया | अगर हम सच में  रामायण और महाभारत जैसे  ग्रंथों को सम्मान देना चाहतें हैं तो उन सभी में  घटित सदाचार की बातों का अनुसरण करना ही होगा तभी हमारे ग्रन्थ सार्थक कहलायेंगें , वर्ना इन ग्रंथों को सिर्फ पूजना और सम्मान देना अपने आप से ही नहीं पूरी सृष्टी से धोखा होगा अगर हम इन से कोई सीख न ले पायें तो .............
                गाँधी जी ने बहुत खुबसूरत बात कही थी ........................
    भूल करके सिखा जाता है ,
              लेकिन इसका मतलब  यह नहीं
                          
 कि जीवन भर ..  भूल ही की जाये !
                                                                           अब देखो न अमेरिका ने अपने बल पर कभी किसी देश में तो कभी किसी देश में अपना अधिकार जमाना चाहा जिसका भुगतान उसे वर्ड ट्रेड सेंटर ......... के रूप में  देना पड़ा | अब पाकिस्तान को ही ले लो तालिबानों को शरण दी की वो उनकी मदद करेंगे पर नतीजा ये हुआ की आज वो ही इन पर भारी  पड़ रहें हैं उनके ही देश में रहकर तालिबान उन्ही का खून बहाने में लगे हैं  उनके जिन्दगी का मकसद न जाने क्या है ?  पर नाम जेहाद का लेते हैं जिसका इंसानियत से दूर - दूर तक  कोई भाईचारे से कोई परिचय ही न हो , तो वो इस शब्द के मतलब को भला क्या जान पाएंगे वो इन्सान की भावना को कैसे  समझ सकतें हैं | इंसान    प्यार , नफरत , आक्रोश , घमंड और समर्पण का एक पुतला भर है बस हमें  अपने अन्दर से अच्छे - अच्छे संस्कारों को उभारना है अपने अन्दर संयम लाना है | अगर इन्सान ही नहीं रहेगा तो धर्म का अर्थ ही कहाँ रहेगा क्या इतनी छोटी सी बात भी हम समझ नहीं पा रहें ? अब हम अपने देश को ही लेते हैं हमारे देश में  होने वाली छोटी - बड़ी घटना के जिम्मेदार  क्या सिर्फ वो लोग हैं जो वारदात करते हैं नहीं ये सच नहीं ......... क्युकी हमारी  समय पर न  कि गई लापरवाही ही उस वक्त के वारदात का कारण बनती है | तो अगर हम वर्तमान में  ठीक से काम करते हैं तो हमारा भविष्य बहुत हद तक सुरक्षित हो सकता है क्युकी बिना वर्तमान के भविष्य संभव ही नहीं | तो क्यु न हम अपने इतिहास  के पन्नों से ही कुछ अच्छा सीखकर उसे अपने जीवन को और खूबसूरत बना दें | 
                           

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

good thoughts .

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

संसार मै न तो कोई शत्रु है न कोई मित्र !
उनके प्रति हमारे विचार मित्र और शत्रु का अंतर करते हैं !

aapse poori tarah sahmat hoon, bahut hi sundar vichaar, vakai main humen bahut kuchh seekhna abhi baaki hai

आप को नवबर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं !
आने बाला बर्ष आप के जीवन में नयी उमंग और ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये ! आप परिवार सहित स्वस्थ्य रहें एवं सफलता के सबसे ऊंचे पायदान पर पहुंचे !

नवबर्ष की शुभ-कामनाओं सहित

संजय कुमार चौरसिया