पलपल दिल को अब करार आ रहा है |
जमाना हमको हमसे मिलवा रहा है |
कश पे कश प्यार का चढ़ाए जा रहे हैं |
दिल का गुबार धुएं में उडाये जा रहे हैं |
कश्तियाँ खोल दी सबने अपने खेमें से |
तूफानों से लड़ना उनको सिखला रहे हैं |
कितनी भी गमगिनियाँ हो राहे वफा में |
जश्ने जिंदगी अब सब मनाये जा रहें हैं |
कोई भी कर रहा हो जिंदगी से खिलाफत |
ये जानकार भी सब मुस्कुराये जा रहे हैं |
दिया है वादा जिंदगी को साथ निभाने का |
इसलिए हंस - हंसकर सब जिए जा रहे हैं |