सुख दुःख जीवन के दो पहिये के सम्मान हैं दोनों जीवन में रंग भरने का काम करते हैं अगर एक की भी कमी हो जाये तो हमारी तस्वीर अधूरी रह जाती है !इसलिए संसार में हर एक चीज़ अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है जब तक दुःख न आएगा हम सुख का अनुभव कर ही नहीं पाएंगे जब तक रोना न होगा तब तक हंसी का मज़ा चख ही नहीं सकते इसलिए हसना_ रोना , सुख_ दुःख इसी भीड़ से तो हमे मिलता है तो हम इससे दूर केसे रह सकते हैं !किसी एक का एहसास ही दुसरे के एहसास को बढाता है फिर गिला किस बात का दोस्तों दोनों ही तो अपने हैं शायद इसी का नाम जिंदगी है ! तो क्यु न इसे हंस के जिए और जिंदगी के हर रंग में रंग जाये जिससे किसी से गिला ही न हो और न ही कोई उमीद जो हर पल सपने दिखाती है और पूरा न होने पर दुःख दे जाती है तो निस्वार्थ भाव से जीते चले जाते हैं जिससे दुसरे को ख़ुशी दे सके और अकेले रहने की आदत भी पड़ जाये एक पंथ दो काज !
दुनिया की भीड़
सुख दुःख जीवन के दो पहिये के सम्मान हैं दोनों जीवन में रंग भरने का काम करते हैं अगर एक की भी कमी हो जाये तो हमारी तस्वीर अधूरी रह जाती है !इसलिए संसार में हर एक चीज़ अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है जब तक दुःख न आएगा हम सुख का अनुभव कर ही नहीं पाएंगे जब तक रोना न होगा तब तक हंसी का मज़ा चख ही नहीं सकते इसलिए हसना_ रोना , सुख_ दुःख इसी भीड़ से तो हमे मिलता है तो हम इससे दूर केसे रह सकते हैं !किसी एक का एहसास ही दुसरे के एहसास को बढाता है फिर गिला किस बात का दोस्तों दोनों ही तो अपने हैं शायद इसी का नाम जिंदगी है ! तो क्यु न इसे हंस के जिए और जिंदगी के हर रंग में रंग जाये जिससे किसी से गिला ही न हो और न ही कोई उमीद जो हर पल सपने दिखाती है और पूरा न होने पर दुःख दे जाती है तो निस्वार्थ भाव से जीते चले जाते हैं जिससे दुसरे को ख़ुशी दे सके और अकेले रहने की आदत भी पड़ जाये एक पंथ दो काज !
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4 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया । शुभकामनाएं ।
बहुत बढ़िया । शुभकामनाएं ।
बस यही कह सकते हैं ''मनुष्य सामाजिक प्राणी है''
बहुत बढ़िया । शुभकामनाएं ।
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