ए दिल बता , की तुझे क्या है हुआ ,
किस बात पर , तू मुझसे है खफा |
ये गमगिनियाँ और ये मजबूरियाँ ,
आ मिलकर मिटा दें अब ये सारी दूरियां |
मैं , मैं न रहूँ ओर तू , तू न रहे,
संग मिलकर बनायें , फिर एक नई दास्ताँ |
ए दिल बता ..........
अरमां यही है दिल में , हमसब एक हो जाएँ | ,
न रहे कोई गिला , सारा जहां अपना कहलाये |
पर ये जो चमन है , सिर्फ मेरा ही नहीं है ,
खिलते है फूल मगर , खुशबु ही नहीं है |
बन जाये ये महकता चमन गुलिस्तां का
गीत कोई गुनगुनाये , सुर एक सा सज जाये |
ए दिल बता है ..........
जब होने लगेगी पूरी , मेरे दिल की ये आरजू
सपनों में पंख लगते ही , दिल खुशी से झूम जाये |
देता है दिल सदाएं , मांग - मांग कर दुआएं
खुदा की रहमत का असर , कभी कम न हो पाए |
हरपल सजाकर के रखना , परवरदिगार की चोखट
फरियादी आये तो , खाली हाथ न जाये |
ए दिल बता .............
7 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर भाव संयोजन्।
काश आपका सपना सच हो जाये..
खूबसूरत ख्वाहिश
बेहतरीन।
सादर
ameen.............
जरुर सच होगा सपना.... आमीन......
sunder and prerak post /
mere bhi blog par aaye./
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