उम्र कि दहलीज पर सरपट आगे दौड़ती |
उलझनों को सुलझा कर राह को मोड़ती |
एक साँस ,एक आस और एक विश्वास |
हरेक के जीने का मकसद ही कुछ खास |
कौन समझ पाया इसके मुकम्मल मायनें |
कभी ठहरी , कभी भागती इसके हैं बहानें |
हर नाकामयाबियों के बाद बंद मुठ्ठी खोलती |
एक शक्ति , एक विश्वास का संचार घोलती |
हर संघर्ष के बाद उल्लास का नाम जिन्दगी |
हर ख़्वाब को हकीकत का नाम देती जिन्दगी |
20 टिप्पणियां:
अच्छी रचना
बहुत सुंदर
शुक्रिया महेन्द्र श्रीवास्तव जी |
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (09-09-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत ही सुंदर रचना...
बहुत बहुत शुक्रिया शास्त्री जी |
बहुत - बहुत शुक्रिया pallavi ji |
सुन्दर भाव लिए बेहतरीन अभिव्यक्ति...
:-) :-)
शुक्रिया रीना जी :)
वाह...
बढ़िया रचना....
सादर
अनु
बहुत बहुत शुक्रिया अनु जी |
jindagi ko paribhashit karati sundar rachana
बहुत बहुत शुक्रिया अजय जी |
bahut behtareen..
हर संघर्ष के बाद उल्लास का नाम जिन्दगी
हर ख़्वाब को हकीकत का नाम देती जिन्दगी ..
आशा और उम्मीद लिए है ये शेर ...
बहुत सुन्दर रचना ...
बहुत बहुत शुक्रिया मुकेश जी |
तहे दिल से शुक्रिया दिगम्बर नासवा जी |
एक नए संचार का आगाज़ है ये जिंदगी ...
कितना कुछ सिखाती है यह जीवनी..
बहुत बहुत शुक्रिया अनु जी |
बहुत - बहुत शुक्रिया प्रवीण जी |
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