जिंदगी एक पहेली


आज भी इंसान
उसी दौर से  गुजर रहा |
बेशुमार भीड़ मगर
तन्नहाइयों में है  पल रहा |
निगाहें  - निगाहों  को
खोज रही है राहों में    |
जैसे  एक - दूसरे का साथ
नागवारा  लग रहा |
सहरा में तन्हा  रूह को ...
प्यासा  देखकर |
पानी की तलाश में
इंसा यहाँ - वहाँ है फिर रहा |
अपनी जिम्मेदारियों से
परेशान तो है सब मगर ...
कारवां  जिंदगी का
फिर भी है गुजर रहा |
नए - नए सपनों की
सौगातें सजा कर |
इंसा अपने जीने को
आसां है कर रहा |
तपती गर्मी से झुलसते
पौधों को देखकर |
माली देखो  पानी की
बौझारें कर रहा |
दूर बैठा कवी
हाथ में कलम थाम कर |
जिंदगी को लिखने की
कोशिश है कर रहा |

17 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बेशुमार भीड़ है मगर
तन्नहाइयों में पल रहा |
निगाहें - निगाहों को
खोज रही है राहों में |
जैसे एक - दूसरे का साथ
नागवारा लग रहा |

बिल्कुल सही कहा है ..अच्छी प्रस्तुति

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हा, सबकुछ में कुछ नहीं मिला।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

तपती गर्मी से झुलसते
पौधों को देखकर |
माली देखो पानी की
बौझारें कर रहा |
दूर बैठा कवी
हाथ में कलम थाम कर |
जिंदगी को लिखने की
कोशिश है कर रहा |... ye shabd uski urvarak kshamta badhayenge

रचना दीक्षित ने कहा…

तपती गर्मी से झुलसते
पौधों को देखकर |
माली देखो पानी की
बौझारें कर रहा |
दूर बैठा कवी
हाथ में कलम थाम कर |
जिंदगी को लिखने की
कोशिश है कर रहा |

बहुत सुंदर प्रस्तुति. आभार.

poonam ने कहा…

bahut badiyaa..........

विभूति" ने कहा…

आज भी इंसान
उसी दौर से गुजर रहा |
बेशुमार भीड़ मगर
तन्नहाइयों में है पल रहा |
निगाहें - निगाहों को
खोज रही है राहों में |बहुत ही खुबसूरत रचना.....

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

क्या कहने
बहुत सुंदर


बेशुमार भीड़ है मगर
तन्नहाइयों में पल रहा |
निगाहें - निगाहों को
खोज रही है राहों में |
जैसे एक - दूसरे का साथ
नागवारा लग रहा |

आज की हकीकत

मनोज कुमार ने कहा…

सच्चाई को दर्शाती रचना।

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

sach kaha aapne
jindagi ek paheli

kabhi boojhi to kahi abhoojh pahele
vakai jindagi ek paheli

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

sateek rachna pant jee

Amrita Tanmay ने कहा…

जिंदगी लिखी भी जाती है टुकड़ों-टुकड़ों में .सही है.

Santosh Kumar ने कहा…

परेशान तो है सब मगर ...
कारवां जिंदगी का
फिर भी है गुजर रहा |

लगातार कोशिश करते रहना ..यही पहचान है सच्चे इंसान की.

प्रेरक रचना.

Pallavi saxena ने कहा…

क्या कहूँ :-) ज़िंदगी की पहेली को कविता के माध्य से दर्शाती अच्छी प्रस्तुति समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर अपप्का स्वागत है

Maheshwari kaneri ने कहा…

बिल्कुल सही कहा है ..|बहुत ही खुबसूरत और सार्थक रचना .....

Mamta Bajpai ने कहा…

बहुत अच्छी रचना

Kunwar Kusumesh ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति.

प्रेम सरोवर ने कहा…

बहुत बढ़िया....कुछ ऐसा जो आमतौर पर पढ़ने नहीं मिला करता..। मेरे पोस्ट पर आकर मेरा मनोबल बढ़ाएं ।.बधाई ।