लहरों के संग
बढती जा रही है जिन्दगी ...
मेरी सुनती ही नहीं
अपनी सुनाये जा रही है जिन्दगी |
बाहर आने दूँ जज्बातों को
तो लोक - लाज और मर्यादा ...
भीतर संभालूं तो
तो घुटन , उससे भी ज्यादा |
कम शब्दों में बहुत कुछ
समझा रही जिन्दगी ,
बहुत अपनी और थोड़ी
मेरी सुना रही है जिन्दगी |
खामोश लहरों के संग
गीत गा रही है जिंदगी ...
सोचते हैं किसको छोडे ,
किसको थामें ...
जरा - जरा से दर्द में
दिल थाम लेती है जिन्दगी |
राह में रुक रुककर सबक
सीखा रही है जिंदगी ...
व्यक्तित्व कुछ तो हैं अब
सिमटने को आमादा
फिर भी तेरी - मेरी ही ...
करती जा रही है जिन्दगी |
अपने आप से बेखबर
खुद को मिटाए जा रही है जिंदगी |
भीतर संभालूं तो
तो घुटन , उससे भी ज्यादा |
कम शब्दों में बहुत कुछ
समझा रही जिन्दगी ,
बहुत अपनी और थोड़ी
मेरी सुना रही है जिन्दगी |
खामोश लहरों के संग
गीत गा रही है जिंदगी ...
सोचते हैं किसको छोडे ,
किसको थामें ...
जरा - जरा से दर्द में
दिल थाम लेती है जिन्दगी |
राह में रुक रुककर सबक
सीखा रही है जिंदगी ...
व्यक्तित्व कुछ तो हैं अब
सिमटने को आमादा
फिर भी तेरी - मेरी ही ...
करती जा रही है जिन्दगी |
अपने आप से बेखबर
खुद को मिटाए जा रही है जिंदगी |
24 टिप्पणियां:
कम शब्दों में बहुत कुछ
समझा रही जिन्दगी......
जिन्दगी है कि कुछ मानती नहीं,
खुद में मगन, सिखाये जा रही है जिन्दगी।
ये कविता भर नहीं है, बल्कि पूरा जीवन दर्शन है।
बहुत सुंदर रचना
बहुत बढिया
जीवंत भावनाएं.सुन्दर चित्रांकन,बहुत खूब
बेह्तरीन अभिव्यक्ति
इतने बड़े जीवन का सिर्फ एक कविता में दर्शन करवा दिया है है आपने, बेहतरीन
वाह...बहुत सुन्दर....
हर लफ्ज़ में जीवन...
खामोश लहरों के संग
गीत गा रही है जिंदगी ...
सोचते हैं किसको छोडे ,
किसको थामें ...
जरा - जरा से दर्द में
दिल थाम लेती है जिन्दगी |
बहुत प्यारी रचना...
सादर
अनु
बाहर आने दूँ जज्बातों को
तो लोक - लाज और मर्यादा ...
भीतर संभालूं तो
तो घुटन , उससे भी ज्यादा ...बस ऐसी ही है ज़िन्दगी ...बहुत सुन्दर ...कठोर सत्यों से घिरी ज़िन्दगी
लहरों के संग
बढती जा रही है जिन्दगी ...
मेरी सुनती ही नहीं
अपनी सुनाये जा रही है जिन्दगी |
बहुत ही खूबसूरती से प्रस्तुत किया है
आपने जिंदगी को.
मेरे ब्लॉग पर आप आईं,मन
प्रसन्न हो गया, मीनाक्षी जी.
हार्दिक आभार जी.
बहुत उम्दा ,बहुत ही खुबसूरत
मैं आपने सभी सम्मनित मित्रों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ |
व्यक्त करने के बहाने सिखा देगी ज़िन्दगी !
मेरी सुनती ही नहीं
अपनी सुनाये जा रही है जिन्दगी |
अपने आप से बेखबर
खुद को मिटाए जा रही है जिंदगी |
जिंदगी के असली मायने समझाती हुई एक लाजवाब रचना |
बेहद सुन्दर रचना..
:-)
सुंदर और प्रेरक रचना |
नई पोस्ट:- ओ कलम !!
जिंदगी के बारे में सुंदर भाव http://www.kuldeepkikavita.blogspot.com+
बहुत पसंद आई आपकी यह रचना.
खामोश लहरों के संग
गीत गा रही है जिंदगी ...
सोचते हैं किसको छोडे ,
किसको थामें ...
जरा - जरा से दर्द में
दिल थाम लेती है जिन्दगी |
बेहतरीन प्रस्तुति.....
जिंदगी बहुत खूब है ...
एक खाली किताब ..
कुछ भी लिखा जा सकता है ...
जिंदगी बहुत खूब है ...
एक खाली किताब ..
कुछ भी लिखा जा सकता है ...
मेरे भी ब्लॉग पर पधारें
मेरे भी ब्लॉग पर पधारें
कम शब्दों में बहुत कुछ
समझा रही जिन्दगी ,
बहुत अपनी और थोड़ी
मेरी सुना रही है जिन्दगी |
सुन्दर भाव
खामोश लहरों के संग
गीत गा रही है जिंदगी ...
सोचते हैं किसको छोडे ,
किसको थामें ...
जरा - जरा से दर्द में
दिल थाम लेती है जिन्दगी |
मन के तार छेड़ती रचना।
सभी सम्मानित मित्रों का तहे दिल से शुक्रिया |
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