रुको मत की चलने का वक्त आ गया है |
उठो फिर की संभलने का वक्त आ गया है |
सबक लो दशहरे के दिन से तुम |
की बनके दिखाओ श्री राम से तुम |
बजाया था किसने सच्चाई का डंका |
जलाई बताओ किसने रावण की लंका |
आज भी दुनिया में उसका बोलबाला |
नज़र आता है दाल में आज भी काला - काला |
भरत , लक्ष्मण से नहीं मिलते भाई |
जहां देखो वही है आपस में हाथा - पाई |
अभी भी है कैद सितायें कितनी |
अभी भी आह भरती हैं बेवायें कितनी |
जलाओ तो लंका जुनूं की जलाओ |
अँधेरे दिलों को जरा जगमगाओ |
मिटाओ दिलों से नफरत और भेदभाव |
मोहोब्बत की रस्में सभी को सिखाओ |
चलो मिलकर फिर से प्यार का दीपक जलाओ |
13 टिप्पणियां:
सुंदर प्रस्तुति
आपको दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं
चलो सब मिलकर प्यार का दीपक जलाएं ..
.. आपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं !!
आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
सादर
दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं
सबके मन का अन्धतम मिटे, सबका जीवन सफल हो।
सुंदर प्रस्तुति
आपको दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं
दीपावली की शुभकामनाएं
बहुत ही अनुपम लेखन है आपका.
पढकर भाव विभोर हो जाता हूँ.
दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक मंगलकामना.
मेरे ब्लॉग पर आपका बेकरारी से इंतजार है,मीनाक्षी जी,'नाम जप'पर अपने अमूल्य विचार व
अनुभव भी बताईयेगा.
सुंदर प्रस्तुति
आपको तथा आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
sundar prastuti...
happy diwali...!!
प्रेम के दीप जलें ... राम राज्य हो सब जगह तो सच्ची दिवाली हो ...
सुन्दर रचना ... दीपावली की मंगल कामनाएं ...
Happy diwali :)
awesome lines !!
दीवाली की व्यस्तता मैं कई दिनों के बाद समय मिला....
शुभकामनाएं....आपको परिवार समेत....!!
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