हैं गरीब पर फिर भी अमीर

ये जो  मिट्टी और तिनकों का घरोंदा  है |
यहाँ उन आत्माओं ने डाला खूब डेरा है |
एक तरफ बिलबिलाते
बच्चों का रोना  है |
एक तरफ बेबस माँ का घुट - घुटकर 
आंसुओं को पीना  हैं |
इनकी आँखों में न ख्वाब ,
न ही कोई सपना है |
इनको तो भूख  ने अपनी आगोश
में लेते रहना  है |
भूख -प्यास से ,
बेशक शरीर जर्जर है |
माथे में फिर भी ,
शिकन न  पल भर है |
जिन्दगी इनसे ही न जाने कयुं ...
रुसवा होती है |
सबको देती है इनसे ही ,
सब कुछ कयुं ले लेती है |
क्या गुनाह है इनका ,
जो आज ये गरीब हुए |
पेट की भूख से ही तो
आज ये फकीर हुए |
थोडा सा पाकर ही
इनके चेहरे पे रौनक आती है  |
वैसे  दिल तो  इनके भी
अमीरी दिखलाती है  |
खुदा ने ये नेमत भी
इन्हें खूब बख्शी  |
इनके चेहरे में हंसी
बेशुमार लाकर भर दी   |
अमीरी बार - बार लाख
इन्हें मुंह चिढ़ाती रहे   |
पर गरीबों के चेहरे में
शिकन न ला पाती है |
सुबह की भूख को लेकर
हर दिन वो चलते हैं |
रात को तारों की छाँव में
जाके पलते  हैं |
क्या खूब अंदाज़ है
उनके जीने का ?
कहने को जीने के लिए
कुछ भी नहीं   |
फिर भी एहसासों का 
जखीरा उनको जोड़े हुए हैं | 

15 टिप्‍पणियां:

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

"कहने को जीने के लिए
कुछ भी नहीं |
लेकिन फिर भी सारे एहसासों का
प्यारा सा जखीरा हैं |"

सच्ची बात कही आपने.

सादर

prerna argal ने कहा…

शिकन न ला पाती है |
सुबह की भूख को लेकर
हर दिन वो चलते हैं |
रात को तारों की छाँव में
जाके पलते हैं |
क्या खूब अंदाज़ है
उनके जीने का ?abhut hi garibon ka darad liye saarthak rachanaa.dil ko choo gai.badhaai aapko.jeevan ka yathart liye hue bhav mai rachanaa.


please visit my blog and leave the comments also.thanks.

रश्मि प्रभा... ने कहा…

gahri abhivyakti

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

गहन बात कहती हुई अच्छी रचना

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

संघर्षों से संग जूझते।

Rakesh Kumar ने कहा…

'हैं गरीब पर फिर भी अमीर' के सुन्दर भाव को अभिव्यक्त करती सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार
मीनाक्षी जी.

मेरी नई पोस्ट पर नहीं आ पायीं हैं आप शायद.
समय निकालकर आ जाईयेगा,इस बार 'सरयू' स्नान का न्यौता है.

vandana gupta ने कहा…

गहन और सुन्दर अभिव्यक्ति।

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

jitna kam future ke liye koi ummid me jiyega wo khush rahega...hai na....
isliye to gareeb amir hote hain....

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

मीनाक्षी जी,
सच्ची बात कही आपने.

संध्या शर्मा ने कहा…

मीनाक्षी जी,
गहन भावाभिव्यक्ति के लिए बहुत-बहुत आभार....

संजय भास्‍कर ने कहा…

गहन और सुन्दर अभिव्यक्ति।......मीनाक्षी जी,

मदन शर्मा ने कहा…

बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..

मदन शर्मा ने कहा…

बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..

अविनाश मिश्र ने कहा…

dil ro pada aapki sundar marmik kavita padh kar.... maa sabse uper hai....

अविनाश मिश्र ने कहा…

dil ro pada aapki sundar marmik kavita padh kar.... maa sabse uper hai....