
आज हमारे देश के महान नेता जिन्हें लोग बापू जी कहकर भी पुकारते हैं उन्ही महात्मा गाँधी के जन्मदिवस पर हम उन्हें शत - शत प्रणाम करते हैं | " आज महान दुखद: घटना घटी है उसे आप सुन चुके हैं | यह घटना हमारे इतिहास मैं अभूतपूर्व है | महात्मा गाँधी अपनी प्रार्थना सभा मै जा रहें थे जबकि एक उन्मत्त व्यक्ति ने उन पर तीन गोलियां चलाई | ये गोलियां गाँधी के हृदय के पार जा चुकी |"
ये शब्द हमारे देश के प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने जनता के सामने तब कहे जब गाँधी जी के सीने मै नत्थू राम गोडसे ........ तीन गोलियां उतार चुका था जिससे गाँधी जी की जान जा चुकी थी | इस बात को हुए 63 साल हो चुके हैं | ये 30 जनवरी 1948 का वो काला दिन था जब गाँधी जी प्रार्थना सभा में जाने की तैयारी कर रहें थे वो ठीक 5 बजे प्रार्थना सभा में पहुँच जाते थे पर उस दिन बल्लभ भाई पटेल के साथ गुफ्तगू की वजह से उन्हें 15 मिनट की देर हो गई और वो 10 बजकर 15 मिनट पर वहां पहुंचे | प्रार्थना सभा में लोग बड़ी बेसब्री से उनकी प्रतीक्षा कर रहें थे | गाँधी जी रोज़ की तरह मनु और आवा के कन्धों में हाथ रख कर सभा स्थल की तरफ जा रहें थे की पंक्ति में से एक युवक बाहर निकला जो और लोगो की तरह उनके इंतजार मै बैठा हुआ था और गाँधी के सामने आकर रुका उसने गाँधी जी को दोनों हाथ जोड़ कर प्रणाम किया जो ये दर्शाता है की वो भी उनका सम्मान करता था जितना की और लोग करते थे पर शायद वो भी देश की खातिर अच्छे और बुरे पहलुओं को लेकर चल रहा था और उसकी सोच गाँधी जी के किसी ऐसे पहलुओं को नकार रही थी जिससे वो सहमत नहीं था और इसी वजह से उसे इतने महान नेता पर गोली चलनी पड़ी हो ? क्युकी हर इन्सान के दो ही पहलूँ होते हैं एक अच्छा और दूसरा बुरा जिस पर इन्सान को परखा जाता है और हरेक इसे अपने - अपने नजरिये से तोलता है | इसी वजह से नत्थू राम गोडसे के दिल में उनके प्रति प्यार और सम्मान होने के बावजूद ये कदम उठाया और हमारे महान पिता ने जैसे ही उसका अभिवादन स्वीकार करना चाहा तो उसने उनके सीने में तीन गोलियां डाल दी इसी के साथ गाँधी जी ने अपने शरीर को धरती माँ की गोदी में छोड़ दिया | कहते हैं 5 बजकर 20 मिनट में उन्होंने अंतिम साँस ली थी | गोली की आवाज़ इतनी धीमी थी की किसी को इसकी खबर तक नहीं हुई पर जब मनु और आवा गाँधी की रोने की आवाज़े आने लगी तब लोग उस और बड़ने लगे पर किसी को भी इस बात का एहसास नहीं था की जिस का वो सब इंतजार कर रहे थे वो इस दुनिया को छोड़ कर चले गये हैं और अब वो उनका प्रवचन उनके मुहं से कभी नहीं सुन पाएंगे !
गाँधी जी को उठा कर बिडला भवन ले जाया गया | सब लोग उनके पीछे - पीछे चलने लगे थोड़ी देर बाद एक लड़की रोती- रोती बाहर आई और उसने कहा ....... " बापू खत्म हो गये " ! यह सुनते ही चारों तरफ से रोने चीखने की आवाज़े आने लगी उनका दर्द उनके प्रति लोगो का प्यार साफ़ दिख रहा था कोई भी उन्हें खोना नहीं चाहता था पर हकीक़त को कौन झुठला सकता है |...और चीख पुकार के साथ ये खबर आग की तरह सब तरफ फेल गई | चोरों तरफ से अपने प्रिय नेता को खोने का दर्द दिखने लगा लोग इकट्ठा होने लगे भीड़ को काबू करना मुश्किल हो गया !
इसी बीच जवाहर लाल नेहरु जी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा की सुबह 11 बजे आप सबको गाँधी जी के शव के दर्शन करवाए जायेंगे पर लोगों में बैचेनी इतनी थी की उन्हें रात 9 बजे ही शव के दर्शन करवाने पड़े |