बुरा मत कहो बुरा मत सुनो बुरा मत देखो


                          आज हमारे देश के महान नेता जिन्हें लोग बापू जी कहकर भी पुकारते हैं उन्ही महात्मा गाँधी के जन्मदिवस पर  हम उन्हें शत - शत प्रणाम करते हैं |  " आज महान दुखद: घटना घटी है उसे आप सुन चुके हैं | यह घटना हमारे इतिहास मैं अभूतपूर्व है | महात्मा गाँधी अपनी प्रार्थना सभा मै जा रहें थे जबकि एक उन्मत्त व्यक्ति ने उन पर तीन गोलियां चलाई | ये गोलियां गाँधी के हृदय के पार जा चुकी |" 
                          ये शब्द हमारे देश के प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने जनता के सामने तब कहे जब गाँधी जी के सीने मै नत्थू  राम गोडसे ........ तीन गोलियां उतार चुका था जिससे गाँधी जी की जान जा चुकी थी | इस बात को हुए 63 साल हो चुके हैं | ये  30 जनवरी 1948 का  वो काला दिन था जब गाँधी जी प्रार्थना सभा में  जाने की तैयारी कर रहें थे वो ठीक  5 बजे प्रार्थना सभा में  पहुँच जाते थे पर उस दिन बल्लभ भाई  पटेल के साथ गुफ्तगू की वजह से उन्हें 15 मिनट की देर हो गई और वो 10 बजकर 15 मिनट पर वहां पहुंचे | प्रार्थना सभा में  लोग बड़ी बेसब्री से उनकी प्रतीक्षा कर रहें थे | गाँधी जी रोज़ की तरह मनु और आवा के कन्धों में  हाथ रख कर सभा  स्थल की तरफ जा रहें थे की पंक्ति में  से एक युवक बाहर निकला जो और लोगो की तरह उनके  इंतजार मै बैठा हुआ था  और गाँधी के सामने आकर रुका उसने गाँधी जी को दोनों हाथ जोड़ कर प्रणाम किया जो ये दर्शाता  है की वो भी उनका सम्मान करता था जितना की और लोग करते थे पर शायद वो भी देश की खातिर अच्छे और बुरे पहलुओं को लेकर चल रहा था और उसकी सोच गाँधी जी के किसी ऐसे  पहलुओं को नकार रही थी जिससे वो सहमत नहीं था और इसी वजह से उसे इतने महान नेता पर गोली चलनी पड़ी हो ?  क्युकी हर इन्सान के दो ही पहलूँ होते हैं एक अच्छा और दूसरा बुरा जिस पर इन्सान को परखा जाता है और हरेक इसे अपने - अपने नजरिये से तोलता है | इसी वजह से नत्थू राम गोडसे के  दिल में  उनके प्रति प्यार और सम्मान होने के बावजूद ये कदम उठाया और हमारे महान पिता ने जैसे  ही उसका अभिवादन स्वीकार करना चाहा तो उसने उनके सीने में  तीन गोलियां डाल दी इसी के साथ गाँधी जी ने अपने शरीर को धरती माँ की गोदी में  छोड़ दिया | कहते हैं 5 बजकर 20 मिनट में  उन्होंने अंतिम साँस ली थी | गोली की आवाज़ इतनी धीमी थी की किसी को इसकी खबर तक नहीं हुई पर जब मनु और आवा गाँधी की रोने की आवाज़े आने लगी तब लोग उस और बड़ने लगे पर किसी को भी इस बात का एहसास  नहीं था की जिस का वो सब  इंतजार कर रहे थे वो इस दुनिया को छोड़ कर चले गये हैं और अब वो उनका प्रवचन उनके मुहं  से कभी नहीं सुन पाएंगे ! 
                                                    गाँधी जी को उठा कर बिडला भवन ले जाया गया | सब लोग उनके पीछे - पीछे चलने लगे  थोड़ी देर बाद एक लड़की रोती- रोती बाहर आई और उसने कहा ....... " बापू खत्म हो गये " ! यह सुनते ही चारों तरफ से रोने चीखने की आवाज़े आने लगी उनका दर्द उनके प्रति लोगो का प्यार साफ़ दिख रहा था कोई भी उन्हें खोना नहीं चाहता था पर हकीक़त को कौन  झुठला सकता है |...और चीख पुकार के साथ ये खबर आग की तरह सब तरफ फेल गई | चोरों तरफ से अपने प्रिय नेता को खोने का दर्द दिखने लगा लोग इकट्ठा होने लगे भीड़ को काबू करना मुश्किल हो गया !
इसी बीच जवाहर लाल नेहरु जी ने लोगों को संबोधित  करते हुए कहा की सुबह 11 बजे आप सबको गाँधी जी के शव के दर्शन करवाए जायेंगे पर लोगों में  बैचेनी इतनी थी की उन्हें रात 9 बजे ही शव के दर्शन करवाने पड़े |
         इस तरह से हमारे पिता महात्मा गाँधी के जीवन के सफर का दुखद अंत हुआ पर उनकी आत्मा , अच्छे संस्कार उनका देश के लिए किया गया कार्य आज भी हमारे अन्दर जीवित है और हमेशा रहेंगे | उन्होंने अपना सारा जीवन देश के नाम कर दिया था तो उन्हें कोई कैसे  भूल सकता है हाँ  अपने विचारों से हर कोई उन्हें आंकता जरुर होगा क्युकी कोई भी इन्सान किसी एक के सोच की तरह नहीं चलता  अगर ऐसा  होता तो भी हमारा देश एक महान देश न बन पाता  क्युकी देश किसी एक के सोच से नहीं चल सकता उसके लिए सबकी सोच का  योगदान होना बहुत जरूरी है और जब एक दुसरे की सोच आपस में  टकराती है  तो कुछ अच्छा  और कुछ बुरा होना भी तय ही है तो इसी के साथ मैं  आज फिर से अपने महान नेता बापू  गाँधी को श्रद्धा सुमन अर्पित करती हूँ | और आज उनके जन्मदिवस पर उनको एक बात फिर से  शत - शत प्रणाम  करती हूँ |


बच्चों को दे प्यार और विश्वास

               महिला एवं शिशु विकास मंत्रालय ने युनिसफ़ और कुच्छ एनजीओ के साथ मिलकर हाल ही मै चाइल्ड येब्युस के मामले मै भारत के 16 राज्यों का सर्वे किया है ! इस सर्वे मै शामिल 53 % बच्चों  ने माना की वे कभी ना कभी शारीरिक शोषण करने वालो में से 50 % जान पहचान वाले लोग ही थे ! बच्चियों   की तुलना में बच्चे शारीरिक शोषण का ज्यादा शिकार हो रहे हैं !
                                         ये हमारे देश मै नहीं दुनिया भर मै घटने वाली जटिल समस्या है जिसको हम किसी भी तरह नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते जिसकी खबर हम हर रोज़ अख़बार , टेलीविज़न के माध्यम से देखते और सुनते हैं ! कितना प्यार करते हैं हम अपने बच्चों  से ? हमारा जवाब होता है ''''''''बहुत ज्यादा ;;;;; कितना ख्याल रखते हैं हम अपने बच्चों  का ? हमारा फिर वही जवाब '''''बहुत ज्यादा ! फिर ये सब  केसे हो जाता है ? कहीं  न कहीं  तो हम उनकी देख रेख मै चुक कर ही रहे हैं जिसका भुगतान हमारे मासूम बच्चों  को उठाना पड़ता है ! कोंन सी है हमारी वो भूल ? हमें  अपने बच्चों  के साथ एक दोस्त की तरह रहना चाहिए अपने रोज़ -मर्रा की जिंदगी मैं  से कुछ  पल उनके साथ व्यतीत करना चाहिए उनके खट्टे - मीठे पलों  को उनके साथ बाँटना चाहिए ! उनका विश्वास जीतना चाहिए कयुंकी हर इन्सान अपने साथ घटित घटना को किसी न किसी के साथ बंटाना चाहता है और उसकी प्रतिक्रिया जानना चाहता है ! जब हम अपने बच्चों  के करीब जायेंगे उनके एहसासों को बाँटेंगे तभी हम उनके जीवन की गतिविधियों से अवगत रह पाएंगे और वो हमसे खुल कर अपने दिल की बात कह पाएंगे ! हमे एसा करके उन्हें अच्छे बुरे का ज्ञान देकर उनकी हिम्मत को बढाना है जिससे वो अपने खिलाफ होने वाले शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठा सके और दोषी को अपनी हिम्मत से पस्त कर सके ! हमें अपने बच्चों  की नीव इतनी मजबूत करनी होगी की वो थोड़े से ही हिलाने से गिरे नहीं बल्कि उसे ही गिरा दे जो उनकी नीव को हिलाना चाहता है और ये काम कोई और नहीं हम माँ-बाप ही अच्छी तरह कर सकते हैं क्यूंकि  वो किसी ओर  की नहीं हमारी और आपकी जिम्मेदारी  है जब हम ही उन्हें संरक्षण नहीं दे पाएंगे तो हम दोषी को सजा केसे दिला पाएंगे !
  बच्चो मै शोषण के मामले अधिकांशतः घर की चार दिवारी से कभी बाहर निकल ही नहीं पाते दोषियों के खिलाफ केस दर्ज करवाने की बात तो बहुत दूर की है ,पर जब तक हम उनके खिलाफ आवाज़ नहीं उठाएंगे येसे मामले खत्म होने का नाम ही नहीं ले सकते और येसे लोगों  की हिम्मत बढती चली जाएगी ! ये बात 100 % सच है की जितने भी इस तरह के शोषण होते हैं वो हमारे करीब के लोग ही होते हैं ! और इस मै हर वर्ग के लोग आते हैं ! कुछ  लोगो का कहना है की एसे  लोग मानसिक रूप से बीमार होते हैं पर मेरा ये सोचना है की अगर वो मानसिक रूप से बीमार होते हैं तो अपने और दुसरे के बच्चों  मै फर्क केसे कर लेते हैं उस वक़्त उनकी बीमारी ठीक  केसे हो जाती  है ये सिर्फ एक क्षण की भूख भर है जो आदमी को अँधा बना देती है और मासूम का जीवन तबाह   कर देती है ! एसे  व्यक्ति को बिल्कुल  माफ़ नहीं करना चाहिए ! हमें  अपने बच्चों  को अपने करीबी लोगों  से हमेशा सतर्क रहना सिखाना  चाहिए ! जिससे वो उनकी मसुमियता का फायदा कभी अंकल ,चाचा या भाई बन कर न उठा सके ! हमें  इन लोगों  से ज्यादा विश्वास अपने बच्चों  की बातों  पर करना होगा जिससे कोई बाहर का आदमी हमसे मीठी -२ बातें  करके हमारे बच्चों  के साथ दुराचार न कर सकें  ! उन्हें इज्ज़त  करना सिखाना है पर अगर उस की आड़ मै उनसे कोई गलत व्यव्हार करे तो उसका जवाब देना भी सिखाना  होगा ! ये सब  हमारे और आपके प्रयत्न से ही पूरा  हो सकता है ! बस हमारा काम है बच्चों  के अन्दर विश्वास और हिम्मत जगाने की जिससे उन्हें हमारी मदद  की जरुरत होने पर अपना मुह बंद न रखना पड़े उनका हम पर  विश्वास ही उन्हें हमसे संपर्क बनाने मै मदद करेगा !
                                               बच्चों  को प्यार देने का अर्थ ये नहीं की हम उन्हें समय से खाना दे देना या उनके नम्बरों का लेखा जोखा देख लिया इन सब के साथ -साथ हमें  उनमें  आने वाले बदलाव पर भी नज़र रखनी चाहिए की कहीं  हमारा बच्चा किसी तरह की परेशानी से तो नहीं जूझ रहा या चुप -चाप क्यूँ  रहने लगा है आदि हम ये सब काम उन्हें अपना थोडा सा समय दे  कर आसानी से कर सकते हैं और अपने बच्चों  को एक सुरक्षित जीवन प्रदान कर सकते हैं !
५० 

सफ़र




घर से चले थे घर का पता साथ लेके हम !
चल पड़े थे काफिले संग  दूर तलख हम !
मिलते भी रहें राही बदल बदल के राह मै ,
रुकते भी गये अपने काफिले के संग हम !
अपनी अपनी मंजिल पर मुसाफिर ठहर गये ,
और दूर तलख सब किनारों मै खो गये !
मंजिल पर अब अकेले से हो गये थे हम !
राहें थी अलग -अलग कहीं खो गये थे हम !
फिर हाथ पकड़ कर किसी ने थाम तो लिया ,
पता तो था अलग सा पर आराम सा लगा !
अब दिल की खवाइशों को सुकूं सा मिला  !
जैसे  किसी नदी को सागर का पता मिला !
अब अपनी राह पर फिर चल पड़े हैं  हम !
अब तो सफ़र तन्हां ही तय करने लगे है हम !
क्युकी हम जान गये साथ न कोई आया था !
और जानतें हैं की साथ न अब कोई जायेगा !

बचपन



कितने याद आते हैं वो बचपन के  जमानें !
     माँ , पापा के साथ  वो गुजारे फसानें !
बात - बात पर हँसना कभी रोके उन्हें डराना !
  भाई- बहन का लड़ना  फिर एक हो जाना !
हर बात से ही तो गमगीन होता है ये बचपन ! 
   किस कदर रंगीन  होता है बचपन !
न किसी की परवाह न ही किसी का डर !
 हर वक़्त बेखोफ होता है ये बचपन !
माँ- बाबा के साये मै ही तो पलता है बचपन ! 
हर आह्ट से बेखबर होता है ये बचपन ! 
जवानी मै भी तो कदम रखता है बचपन !
सारे एहसासों को समेटे चलता है बचपन  !
अपने बच्चों मै फिर से नज़र आता है बचपन  !
जेसे हमे फिर से आवाज़ दे रहा हो बचपन ! 
पचपन के हों जाये तो भी साथ रहेगा बचपन  !
अब हम क्या कहें कितना प्यारा होता है बचपन !

गणतंत्र दिवस



                                   अब देखो न समय कैसे  पंख लगा के उड़ता है की हम उसे कितना भी  रोकना  चाहें तो भी नहीं रोक पाते ! आज हमारे देश मै गणतंत्र के 61 वर्ष पुरे होने जा रहेँ हैं तो हमारे मन मै ये सवाल आना लाज़मी है की इतने समय मै हमने क्या खोया और क्या पाया ? अब देखो हमारे देश मै 1950 मै आर्थिक विकास दर 1 . 9  % थी ! अब 8 . 5 से 9 % के बीच मै है ! उस समय साक्षरता की दर 18 % थी और अब हमारे देश मै इसकी दर 68  %  है ! उस वक़्त देश मै 48 % गरीब लोग माने जाते थे ! आज इसकी संख्या 37 . 2 % रह गई है ! इस संख्या मै बहुत बड़ा इजाफा तो नहीं हुआ पर तब से अब तक के अनुमान से इसकी हालत सुधरी जरुर है ! इस वक़्त हमारे देश मै 602 लोग अरबपतियों मै शुमार किये जाते हैं ! तो इससे साफ़ जाहिर होता है पैसा तो है पर उसका अनुपात गडबडा सा गया है अगर इसका सही से अनुपात बनाया जाये तो हमारे देश की गरीबी पूरी तरह से समाप्त होने की सम्भावना है ! अब देखो न अमेरिका जेसा शक्तिशाली  देश ये घोषणा कर रहा है की आने वाला दशक भारत और चीन का होगा तो इससे साफ़ जाहिर है की हमारे देश ने प्रगति की बहुत ऊँची उचाईयों को छुआ है और बहुत खूबसूरती से और आगे  कदम बड़ा रहा है ! अब साफ़ सी बात यह  है की जहां कामयाबियां होंगी तो नकामियाबियों का भी सामना हमें ही करना पड़ेगा जेसे सुख है तो दुःख न हो एसे कैसे  संभव हो सकता है !
                                      भारत एक कृषि प्रधान देश है और पिछले पांच हजार वर्षों से हम इस व्यवस्था का निर्वाह कर रहें हैं ! पर इसमें अलग - अलग  तरह से प्रयोग किये जा रहेँ हैं की अब इसे बदलना चाहिए इसमें परिवर्तन होना चाहिए ! पर परिवर्तन क्या हो ? इस पर गहरे मतभेद चल रहें हैं और उधर किसान अपने ही ज़मी पर जो उसके कमाई का जरिया है उसी मै दम तोड़ते नज़र आ रहें हैं ! उन्हें फसल की उचित कीमत नहीं मिल रही ! तो इससे साफ़ जाहिर होता है की जमीं मै बीज बोने से लेकर  अनाज की  थाली तक पहुंचने तक की यात्रा के बीच कई पेच हैं जो बहुजनों को फायदा नहीं पहुंचा पा रहें ! इसलिय मिट्टी के लाल मिट्टी मै ही दम तोड़ रहें हैं और लोगों को मंहगाई का सामना करना पड़ रहा है !
                                        एक तरफ आम आदमी मंहगाई  से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ 203 खरब पैसा विदेशी बेंकों मै पड़ा हुआ है ये वही धन है जो देश के लोगो से छिन कर चोरी छिपे वहां जमा किया हुआ है ! इस पर कर्यवाही  की बात खूब जोर शोर से होती है पर इसमें कार्यवाही  करने की सरकार इज़ाज़त  तक नहीं देती वजह साफ़ है की भ्रष्टाचार से गंगा को सबने मेला किया हुआ है  ! बहुत अफ़सोस की बात है की पिछले कुछ दशकों से हमारे देश मै भ्रष्टाचार काफी हद तक  बड़ा है ! इसमें कोई शक नहीं की हमारा देश एक विकासशील और जागृत देश है और यहाँ के लोगों मै सहनशीलता कूट कूट कर भरी हुई इसलिए आने वाली किसी भी विपत्ति  का सामना बड़े धेर्य और हिम्मत से करती है ! अगर हमारे देश मै भ्रष्टाचारी हैं तो ईमानदार लोगो की भी कोई कमी नहीं  जो सीना ठोक कर अपनी बात कहने का दम रखते हैं ! गाजियाबाद की सी , बी आई अदालत ने एक फैसला सुनाकर लोगों  के अन्दर एक उम्मीद  जगाई है की पी , ऍफ़ भ्रष्टाचार कांड के आरोपी जजों को अदालाल मै हाजिर होना ही होगा ! अब से दस साल पहले सिविल सेवाओं मै अभिजात्य वर्ग का बोलबाला  हुआ करता था ! पिछले साल 875 उम्मीदवारों मै से 273 ओबीसी 127 अनुसूचित जाति और 76 अनुसूचित जनजाति के थे ! आईएस बनने वालों मै भी कोई रिक्शा चालक का बेटा था तो कोई ड्राइवर का बेटा ! कोई दियाड़ी मजदुर के घर पैदा हुआ था किसी ने   छोटे - मोटे काम करके अपनी मेहनत से ये मुकाम हासिल किया था ! अगर हमारे देश का हर नागरिक इसी तरह की मेहनत से आगे बड़ता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब हमारे देश का हर नागरिक अपने सपनों को हासिल कर लेगा और हमारे देश मै उज्वल भविष्य की स्थापना  कर इसे बुलंदियों मै पहुंचाएगा ! आज देश के 61 वर्ष पूरा होने पर हम देश को सुचारू रूप से आगे ले जाने की शपथ तो खा ही सकते हैं और आने वाले हर गणतंत्र दिवस को हम जोश और उल्लास से मनाते जाये ! इसी आशा के साथ मै शुभकामनाओं के साथ कलम को विराम देना चाहूंगी !
                   कोई व्यक्ति अगर किसी सिद्धांत  के लिए
                    अपनी जान देता है , तो यह बलिदान उस
                   सिद्धांत के जीवन को हजार गुना बड़ा देती है !
                             जय हिंद !

गरीब देश या सोने की चिड़िया

गणतंत्र दिवस के मोके पर सोचा कुछ  एसा लिखूं की कुछ  पल के लिए ही पर कुछ  देश के लिए अच्छा करने का एहसास सा तो आये ! हो सकता है  हमारा ये प्रयास सफल होने की दिशा मै ही बढ जाये ! ये हमारे देश के लिए सच मै विचारणीय विषय है की जिस देश को लोग सोने की चिड़िया कह कर पुकारते थे उस देश मै कुछ लोग  इतने  गरीब भी है की उनके पास दो वक़्त की रोटी जुटा पाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है ! एसा नहीं की बीते दशक मै हमारे देश ने कई ऊँचाइयों को न  छुआ हो पर अगर देश एक तरफ बहुत आगे पहुँच गया है  तो उनमे से कुछ एसे लोग भी हैं जिन्हें गरीबी की मार काफी हद तक झेलनी पड़ी है ! क्या हमारा देश सच मै गरीब देश है ? मेरे ख्याल से नहीं ................क्युकी कुछ आंकड़े तो ये कहने से इंकार करते हैं की भारतीय लोग गरीब हैं ...........?  पर भारत वास्तव मै गरीब देश है ये भूख से बिलखते बच्चे और गर्भावस्था के दोरान दम तोडती माँ के खुलासे बयाँ करते हैं ! और दूसरी तरफ इसी बात को सिरे से नकार देते हैं उन कला धन जमाखोर जो खाते और कमाते तो भारत मै हैं पर अपनी जमा पूंजी विदेशो के बैंकों मै जमा करवा देते हैं और अपनी जनता जिनसे की उन्होंने ये सब धन कमाया उसे ही रोता बिलखता छोड़ देते हैं ! अब देखो न विदेशों मै 280 करोड़ रूपये............ सिर्फ भारतीयों के मोजुद हैं इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है ! विदेशी बेंको की जानकारी के अनुसार 5 साल के दोरान भारतीय नेताओं , I. A. S अफसर , I . P. S अधिकारियों , कलाकारों और खेल जगत से जुड़े लोगों के 325 बिलियन रूपये विदेशी बेंकों मै जमा हैं ! काला  धन बनाने मै भारत सबसे आगे है ! वहां देश का 1456 अरब डालर पैसा जमा है ! पांच एसे देश जो भ्रष्टाचार मै सबसे उपर हैं !
                भारत ...............$ 1456 बिलियन ( 1947 से )
              रूस ...................$ 470 बिलियन
              यु के .................$ 390 बिलियन
             युकेरियन .............$ 100 बिलियन
              चीन  ...................$ 96 बिलियन
                                                              अब ये सब खुलासे तो यही बयाँ करते हैं की हमारे अपने देश का इतना पैसा केसे बाहर के देशों  मै  इस्तेमाल हो रहा है  और हमारी जनता कुछ  भी   कर पाने मै असमर्थ है !  विदेशी बैंक उन सभी लोगों के  नाम बताने को तैयार है जिनके वहां पर खाते हैं पर उनका कहना है की अगर भारतीय सरकार उनसे इस बात का खुलासा मांगेगी तभी वो इन सब बातों को बताएगी अन्यथा नहीं पर न जाने क्यु हमारी सरकार इस बात मै इतनी ढिलाई बरत रही है जबकि ये सब हमारे देश के हित की ही बात है ! अगर इनमे नेताओं का भी नाम आता है तो भी देश के हित को ध्यान मै रख कर इसमें कारवाही होनी ही चाहिए ! अब हमारे देश के कुछ  एसे व्यापारी लोग भी हैं जो 1. 5 ट्रिलियन डॉलर काला  धन कमाते हैं जबकि हमारे देश मै 3000 से 4000  बच्चे एसे हैं जो अच्छे पोषण न मिलने की वजह से रोज़ जान गवां बैठते हैं और हर रोज़ 1000 माएं गर्भावस्था के दोरान जान दे देती हैं ! भारत मै ही 70 % लोग खून की कमी से ग्रसित हैं ! इससे साफ़  जाहिर है की अगर भ्रष्टाचार इसी तेज़ी से बढता रहा तो आने वाले 50 दशकों मै कहीं भारतीयों  का वजूद............. ही न खत्म   हो  जाये ! एक तरफ देश की एसी हालत हो रही और दूसरी तरफ काला धन कमाने वालों का ये हाल है की जेसे पैसा जोड़ - जोड़ कर सीने मै पदक लगाने की तैयारी मै लगे हों ! काला धन संचय अगर अपने देश मै ही रहता तो इन पैसों से हमारे देश की काया  ही बदल जाती जेसे ......जिन पैसों का 30 सालों से सिर्फ टेक्स न देने की वजह से छुपा कर रखा हुआ है वही हमारी देश की प्रगति मै चार चाँद लगा देती और हमारा  देश खुशहाल देश कहलाने लगता जेसे .....................

1 ...........वही काला धन 60 करोड़ लोगों को नोकरी लगवा सकता है !
2.............हर गाँव और शहर मै सुन्दर सड़कें बनवा सकता है !
3.............हर गाँव मैं  बिजली की सुविधा जुटा कर उन्हें रोशन कर सकता है !
4............सभी बुजुर्गों को 2000 रूपये तक दे कर उनकी जीवन शैली सुचारू रूप से चला सकता है !
                                                                 अब इतना पैसा होने पर भी हमारे देश को अगर किसी और का मुंह  ताकना पड़े तो ये हमारे लिए कितने शर्म की बात है ! अगर ये सारा पैसा यहाँ हो तो हमे किसी भी बैंक से लोन लेने की जरूरत ही न पड़े अब इसे अंदाज़ा लगता है की इन लोगों ने हमारा कितना पैसा रोक कर रखा हुआ है ! हमारा और आपका तो ये छोटा सा प्रयास  भर ही है की काश कुछ एसा हो जाये की सरकार तक हमारी ये बात पहुँच जाये और वो इन सब के खिलाफ कार्यवाही  करने की मंजूरी दे दे और हमारे देश का पैसा वापस हमारे देश मै आ जाये और सबको एक खुशहाल जीवन जीने का हक मिल जाये और हमारी ये मुहीम सफल हो जाये !
                         
काश इस दर्द को .............
                      कोई तो समझ पाता !
                         गरीब माँ के आंसुओं को
                    कोई तो जान जाता !
                          किस तरह भूखे बच्चों को .....
                    वो सुलाती होगी !
                          हर पल रो रो के
                   पल्लू से मुंह  छुपाती होगी !
                          एसा नहीं की पेसे वालों के  ...........
                   सीने मै कोई दिल नहीं !
                          लगता है इन सबको देखने का
                   उनके पास वक़्त  नहीं !
                          पर इस एहसास को उनमें ..............
                   हमें ही जगाना होगा !
                           उनको आवाज़ देके.............
                    हमें  ही बुलाना होगा !
                            क्युकी ये तो हम सब की
                   सांझी ही  लड़ाई है !
                             क्युकी वो मासूम लोग
                   हमारे ही तो भाई हैं  !
                              चलो फिर आज से ही
                    ये प्रण हम लेते हैं !
                                इन सबके विरुद्ध ................
                    जंग का एलान करते हैं !
                                 बेड़ियों मै जकड़ी इन ............
                    मोका परिस्तियों से
                               अपने देश को स्वतंत्र करते हैं !
                     आज़ादी की इस मशाल को
                             एक बार फिर से ज्वलंत करते हैं  !
                     

तितली रानी




तितली रानी तितली रानी ,
छोटी  सी है तेरी  जिंदगानी !
फिर भी मदमस्त सी उडती !
सबके मन को हरदम हरती !
रंग बिरंगे फूलों में जा जा के ,
अपना एहसास जगाती ................!
फूलों की पंखुड़ियों में बैठ- बैठ ,
फिर सुन्दर राग  सुनाती !
फूलों की सुन्दरता को तू ..........,
फिर चार चाँद   लगाती !
माली कितना भी पकडे तुझको ,
पर तू हाथ न आती ........!
नाच नाच फिर बगियाँ में .......
अपना करतब दिखलाती !
बच्चे जो तुझे पकड़ते ,
तू फुर्र से उड़ जाती !
बच्चो के कोमल कोमल
हाथों में भी आना न चाहती !
सबसे दूर दूर जाते जाते ,
तू अपने  पंख  हिलाती !
तितली ओ तितली रानी ,
तू तो बड़ी ही सयानी !
इतनी बेरहम दुनिया से ,
तू खुद को कैसे  ले बचाती !