खोजो नई राहें
मुझसे ही मंजिल का
पता क्यु पूछते हैं सब ?
एसा करके बदनाम...............
मुझे कर देते हैं सब !
मै तो कोई मंजिल नहीं
जो दूर तलख जाउंगी !
राह मै छोड़ कर फिर .........
दूर निकल जाउंगी !
मेरी मंजिल के तो
और भी कई राही हैं !
तुम्हें तन्हा फिर .............
कहाँ तलख ले जाउंगी !
मुझसे यु न लिपटो
कबसे ये दोहराती हु !
मेरा तो आस्तित्व है वो
कहाँ छोड़ पाती हु !
मेरी आगोश मै बस
आह ...... के सिवा कुच्छ भी नहीं !
तुम्हारी कोई नहीं मै .............
बस ये जरा ख्याल करो !
और आज ही से .....................
नई मंजिल की राह तलाश करो !
घरोंदा
.
दोनों मिलकर पहले
प्यारा संसार सजातें हैं |
फिर सपने बुनते जाते हैं
प्यारा घरोंदा बनातें हैं |
नन्हे -नन्हे बच्चों के संग
अपनी बगिया महकाते हैं |
उनका लालन - पालन करते हैं
फिर उनके ख्वाब सजाते हैं |
बेटे को प्यारा घर देते हैं
बेटी को प्यारा वर देते हैं |
सारा जीवन बच्चों को दे
वो कभी गिला न करते हैं |
बच्चों को अपना सब कुछ वार
सिर्फ प्यार की आस लगाते हैं |
अब उनकी बारी आई है
थोड़ी जिम्मेदारियां आई है |
क्या उनके बलिदान को वो भूलेंगे ?उस प्यार - दुलार को भूलेंगे ?
नहीं वो हरगिज़ एसा न कर पाएंगे
अपना कर्तव्य निभाएंगे |
उनको आदर देते रहकर
उनका सम्मान बढ़ाएंगे |
फिर अपनी प्यारी सी बगिया में
वो सुंदर - सुंदर से फूल खिलाएंगे |
मत कहो अनाथ
क्यु कहते हैं कुच्छ
लोग खुद को अनाथ
क्या उनके माँ बाबा के ..........
संस्कार उनके साथ नहीं ?
अनाथ तो शायद वो होते हैं
जिनके माँ - बाप तो हैं पर.............
उनके दिल मै उनके लिए
कोई स्थान नहीं
उनके पास सब कुच्छ है
पर उसकी कदर नहीं
अनाथो की तरह रहते हैं
और दर्द उनको देते हैं
केसी चाह है ये इन्सान की ?
जिसके पास माँ बाप नहीं ...........
वो उन्हें पाना चाहता है
और जिसके पास दोनों हैं
वो उसकी कीमत ही नहीं जानता ?
काश वो इस दर्द को
कभी समझ पाता ..............
और माँ पाप का एहसान चुका पाता
वक़्त ही तो है
गुजरने मै कितना
समय लेगा ?
फिर उस दर्द की भरपाई
कोंन करेगा ?
बढता भारत संभालो युवावर्ग
मनमोहन जी कुच्छ यु बोले .............
अब तो दुनिया मै
भारत की है साख बड़ी
फ़्रांस , रूस , चीन , अमेरिका मै
रिश्तो की अब बात बनी
दक्षिण एशिया के पास तो
तेजी से बड़ने की वो शक्ति है
लेकिन ये सब बाते तो
शांति , सोहार्द पर ही निर्भर करती हैं
पाकिस्तान के संबंधो को
सामान्य बनाने का विचार किया
लेकिन आतंकी तंत्र पर काबू पाने तक
उस बात को वही तमाम किया
राजनीति की रेल - पेल से
थक कर युवावर्ग को सम्मान दिया
राहुल जी की तारीफों मै ,
उसको एक अच्छा नेता कह भी दिया
चलो किसी व्यक्ति ने तो
युवावर्ग का ख्याल किया
कुर्सी पर तो अभी बैठा न कोई
पर बच्चों का होंसला तो बड़ा दिया !
अज़ब कहानी है ये जिंदगानी
क्यु ज़माने की बात करते हो
दिल दुखाने की बात करते हो
हमने एसी क्या खता की है
जो हरदम सताने की बात करते हो
क्या तुमको हमसे प्यार नहीं ?
या मेरे प्यार का एहसास नहीं
जानते तो हो तुम सब कुच्छ
फिर क्यु दिल जलाने की बात करते हो !
तेरा साथ तो हम भी न छोड़ेंगे
तेरे बिन हम केसे रह लेंगे
फिर ये बात कह - कह कर
क्यु पीछा छुड़ाने की बात करते हो ?
क्या तुमको हमपे यकीं नहीं ?
मेरे प्यार की खबर नहीं
जब भी हमसे कुछ कहते हो
इलज़ाम लगाने की बात करते हो
कब तक ये सब सहना होगा ?
अपनी व्यथा को यु कहना होगा
या हंस - हंस के फिर अब हमको
सब बातो को सहना होगा !
दूरदर्शन की दुनिया
दूरदर्शन की दुनिया भी !
जो देखो............ अपने आप को
भुनाने मै लगी हुई है !
कभी राखी का इंसाफ है तो ,
कभी बिग बॉस की आवाज़ बनी हुई है !
ये बाजारवाद तो परम्पराओ को ,
विकृत रूप देने मै लगी हुई है !
और देखो न ये तो युवावर्ग मै
रोज़गार का गन्दा रूप भरने मै लगी हुई है !
और कहती है.......... वो परिवार को ,
बस जोड़ने मै लगी हुई है ?
ये तो वास्तव मै वास्तविकता का ,
मजाक उड़ाने मै लगी हुई है ?
हर पूंजीवाद अपनी पूंजी के प्रवाह से,
हर एक मासूम को जाल मै फ़साने मै लगी हुई है ?
न जाने ये कब तक अपना जाल बिछाएगी !
युवावर्ग के हृदये मै प्रहार करती जाएगी !
उनकी इस अदा मै न जाने क्या नशा है !
हर घर का बन्दा उसमे ही खो गया है !
उनकी तो आमदनी का काम आसां बन गया है !
यहाँ सबके घर का माहोल बिगड़ सा गया है !
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