चर्चा सरे आम कर दिया ....



जब - जब सांस ली दिल का राज़ बयाँ कर दिया ,
वो समझा दिल्लगी चर्चा सरे आम कर दिया |

उसने कहा हमने सुना अरमानों को दफ़न कर दिया ,
वो समझा कमजोरी हमें अपना गुलाम कर दिया |

झुका कर निगाहें हमने उन्हें सलाम क्या कर दिया ,
इस अदा से घबराकर बुर्का हमारे नाम करवा दिया |

आज़ाद - ए - रूह ने मांगी रिहाई तो पहरा बैठा दिया ,
तडपता देख न सका तो बेरुखी से बेसहारा कर दिया |

जब - जब दिल ने चाहा प्यार का पैगाम लिख दिया ,
दिल करने लगा गुस्ताखियाँ तो इल्जाम लगा दिया |