सुबह भी चली गई ,
शाम भी ढल गया ,
रात अपने आगोश में
चाँद को लेकर निकल गया |
कल फिर आएगा ,
सूरज को साथ लायेगा ,
नये दिन के साथ हम भी
नये सपनों में खो जायेंगें |
मन को नया बनायेंगें ,
बीते कल को भुलाएँगें ,
नये पल के स्वागत में
हम फिर महफ़िल सजायेंगें |
तुम भी जरुर आना ,
वादों को संग में लाना ,
गुजरे कल को भुला
वर्तमान में जीना सीख जायेगें |