
वो दिन - भर बातें करती थी ...
कुछ चुपके - चुपके कहती थी |
मेरी सांसों में हरपल उसकी
भीनी सी खुशबु रहती थी |
आने वाली ... हर आहट ...
उसकी याद दिलाती थी |
वो दुरी हमसे रखकर भी
अहसास जगाकर जाती थी |
दिन - रात वो ख्वाब सजाती थी ...
बस कहने से घबराती थी |
वो जान से मुझको प्यारी थी ...
पर मुझसे वो कतराती थी |
न वक़्त कभी ऐसा आया ...
मैं उससे न था मिल पाया |
वो साया बनकर , साथ मेरे ...
दिन - रात सफर में रहती थी |
आँखे जब भी नम होती थी ...
उसकी यादें संग होती थी |
वो पगली मेरे ख्वाबों की ...
अक्सर शहजादी होती थी |