पवित्र रिश्ता

 
माँ है पेड
जो खुद को दबाकर 
हम सबको उपर उठाती है |
पिता है तना 
जो अपनी छाया देकर हमकों 
सुकूं दिलाते हैं |
हम सब हैं शाखाएं 
जो उन दोनों बिन अधूरे है |
उन दोनों के आशीर्वाद से 
ये भाई - बहन का  
रिश्ता भी बन पाया है |
ये प्यारी सी एक डोर है |
जिसमे भाई - बहन 
दोनों एक - एक  छोर हैं |
ये पावन  , निर्मल रिश्ता है |
जो एहसास , विश्वास में पलता है | 
जिसमे मान है , मुनहार है |
अपने सुख - दुःख को 
साँझा करने कि एक आस है |
एक दूजे के लिए सम्मान है |
माँ - बाबा के साथ से इस का 
आस्तिव बरकरार है |
क्युकी बचपन कि खुशबु को 
पाने कि जो आस है ,
वो सबके एहसासों का 
मिलाजुला संसार है |
जो भाई - बहन के प्यार ने 
आज भी बखूबी आगे बढाया है |
इसीलिए राखी का त्यौहार
सबसे  प्यारा कहलाया है |

विचारों का द्वन्द

 

जिंदगी क्या है ?
सबका अपना - अपना नजरिया है |
किसी के लिए खुद के वास्ते
जीना ही जिंदगी का मकसद है ,
तो कोई अपनों कि खुशी में ही
अपने जीवन को जिए जा रहा है  |
किसी का बुलंदियों को पाना
ही अगर एक  अभिलाषा है ,
तो कुछ को खुद को मिटा के जीने
में ही  मज़ा आ रहा  है  |
किसी का देश प्रेम ही है सब कुछ ,
तो कोई दर्द देकर ही खुश हो रहा है  |
कोई अपनी कला को ही जीवन मान रहा है ,
तो कोई धर्म के नाम पर ही जश्न मना रहा है  |
कुछ सबको अपना बनाके जीवन जिए जा रहा है |
तो कोई खुद को  सबसे  दूर  लिए जा रहा है |
अब अगर जीने के इतने रूप कहलाते है |
तो बोलो हम सबके साथ खुश कहाँ  रह पाते है ?
सबका ही तो अपने विचारों का द्वन्द है |
अजी जीने दो सबको जो स्वछंद है |
तभी प्रगति का भी इसमें जुड़ा एक अंश है |
थोडा संयम से चलने भर का श्रम है |
बाकि अपना देश तो सबसे अहम है |


सिर्फ सकारत्मक सोच



कुछ लोग कहते हैं
कि हम जिद्दी हैं |
अगर ये जिद्द ... किसी को
उसका अधिकार दिलाने कि है ?
तो हाँ मैं मानती हूँ कि मैं  जिद्दी हूँ |

कुछ लोग कहते हैं
कि मुझमें बहुत अभिमान है ,
अगर ये अभिमान अपने
देश के प्रति है ?
तो हाँ मैं कहती हूँ कि मैं अभिमानी हूँ |

कुछ लोग कहते हैं
कि हममें लालच बहुत है ?
अगर ये लालच बेसहारा को
सहारा देने का है |
तो हाँ मैं कहती हूँ कि मैं लालची भी हूँ |

कुछ लोग ऐसा भी कहते हैं
कि तुम क्रोधी स्वभाव कि हो ?
अगर थोडा सा क्रोध
आपको सम्मान दिलाता भी है |
तो हाँ मैं भी मानती हूँ कि मैं क्रोधी  भी हूँ |

कोई भी बात  गलत कैसे हो सकती है
जब उसको सही दिशा दे दिया जाये |
सकारात्मक सोच |
इंसान के हर पहलु को उभारता  है |
जिसमे अपना स्वार्थ कम और
दूसरे कि खुशी  ज्यादा हो |
निस्वार्थ भाव में ही सबकी खुशी |

आवारापन


आवारापन उसका
न जाने  क्यु  भाता है मुझे |
वो चुपके से मेरे कानों में
कुछ कहकर निकल जाता है |
उसके आने से  सारे आलम
एक मस्ती सी छा जाती  है |
बेशक वो पल भर के लिए
ठहर कर चला चला जाता है |
मदहोश सांसे उसकी
हमें बेकरार कर जाती हैं |
न जाने वो किस गली से
ये सब समेट कर लाता है |
पर हमको तो अपने रंग
में वो तब भी रंग जाता है |
उसके रूप को मैंने ...
कभी करीब से नही  देखा  |
पर उसका एहसास तन - बदन में
बिजली सी दौड़ा जाता  है |
बहुत बार चाहा
बढकर मैं  रोक लूँ  इसे |
पर उसकी आवारगी को
मैं कहाँ रोक पाती हूँ |
उसके एहसास को  जान कर
मैं उसके होने का  पता लगाती हूँ |
उसके आस्तिव का पता
आजतक कहाँ लगा पाई  हूँ |
कभी मंद - मंद कभी
तूफान बनकर वो
अपना परिचय बतलाता है |
उसके आते ही मीठा सा एहसास
और जाते ही फिर .......
आने कि आस लगाती हूँ |