निरंतर आगे बढता सफ़र

उसके   लब  कुछ कहते - कहते रुक से जाते हैं |
लगता है मेरी मज़बूरी वो अक्सर जान जाते हैं |

उसकी बैचेन निगाहें मुझसे कई सवाल करती है |
पर मेरी ख़ामोशी हर बार उसका जवाब बनती है |

कैसे इतना दर्द लेकर वो हमसे  इतनी दूर रहता होगा  |
क्या सच में वो हमसे  इतनी मोहोब्बत करता होगा  |

हमारी याद उसके बदन में सिरहन तो लाती होगी |
है तो गुस्ताखी पर  हमसे ही गुजर कर जाती होगी |

ये धुप - छाँव का सिलसिला सारे जहां में पल रहा होगा |
तभी  एहसासों का काफिला इतना हसीन चल रहा होगा |

चाँद भी अपने दाग को देखकर  एकबार तो तडपा होगा |
शायर तो उस वक़्त भी उस पर गज़ल लिख रहा होगा |


चुनों अपनी राहें

सरल बिलकुल सरल है वो ,
उसके गीत गाने को मत मचलना |
अगर जान लो की संगीत है वो ,
तो सुर सजाने को मत निकलना |
तुम्हारे जो सपने हैं ,
उठो उन सपनों के संग |
अपने इस पवित्र हृदय को तुम ,
किसी गर्द में मत डुबोना |
इस छोटे से मन को ,
छोटी - छोटी आशाओं से सजाना |
ज्यादा की चाहत में ,
थोडा भी मत गंवाना  |
अपने प्यारे एहसासों से ,
दुसरे के दिल में जगह बनाना |
अपने सपनों को मोड़ देकर ,
सुदूर भविष्य के सपने सजाना |
जिंदगी तो रोज नई है ,
एक नये ख्वाब की गुज़ारिश करती है |
देखो रोज नये सपने बुन 
तुम उस राह में मत निकलना |
वो शाम ढलते ही 
फिर  से नये की दरकार करती है |
उसकी शर्तों पर न चलकर 
अपनी राह चुनना |
जिंदगी के पीछे न भाग ...
बस एक ख्वाब ही चुनना |
सजाकर फिर उसे अपने ख्वाबों में ...
उसे फिर तुम साकार करना |

बेगाना शहर

कहाँ जानती थी मैं ,
कि मुझे क्या मिलेगा ?
जब पहली बार मैंने ...
इस दुनियां में कदम रखा था |
पर मिला एक खुबसूरत संसार 
पिता के रूप में एक मजबूत पेड ,
माँ के रूप में  खुबसूरत छाया |
जहां खुद को हमेशा सुरक्षित पाया |
जिसने हर वक़्त मुझे ...
कड़ी धुप से बचाया |
भाई - बहन के साथ बीते 
वो सुनहेरे पल |
बस ये सुन्दर सफर
कब कैसे बीत गया पता ही न चला |
फिर एक और सफर ...
मगर अनजाना शहर |
जहां हर तरह के लोग थे 
प्यार था  तकरार था ,
क्युकी वो मेरा ही तो ससुराल था |
आज वो सफ़र निरंतर जारी है |
पर आज वो बेगाना  नहीं , 
आज सब मेरे ही संगी साथी हैं |

बंसी की धुन

बंसी की धुन तुम यूँ न बजाया करो |
हमें पल -पल तुम यूँ न सताया करो |
देखो पनघट पे आते  है ग्वाले बड़े ,
तुम ऐसे  हमें न बुलाया करो |
बृज  की ग्वालन मुझे जो देख लेंगी यहाँ |
मुझसे रूठ कर वो दूर चली जाएँगी न ?
तुम तो अपनी अदाओं से मना लोगे उन्हें ,
मैं तो हरपल मनाती रह जाउंगी  न ?
तुम हो नटखट से सबका बस दिल चुराते हो |
कौन क्या कहेगा इसकी खबर कहाँ लेते हो |
अपनी धुन में हर दम मग्न रहते हो |
कोई कुछ भी कहे तुम कहाँ सुनते हो |
सारी दुनिया को बस अपना ही कहते हो |
मैं बाट जोहते - जोहते थक जाती हूँ |
तुम न जाने किस गली में बंसी बजाते  हो |
खुद से पहले नाम तो तुमने मुझको दिया |
क्या तुम भी  मुझे उतना ही चाहते हो ?
चलो जाने दो अब ये शिकवे - गिले |
छेडो  बंसी की एसी धुन की हम ये मान लें |
मैं हूँ तेरी तू है मेरा फिर से दुनिया जान ले |
मैं हूँ तेरी तू है मेरा फिर से दुनियां जान ले | 

अंदाज़े जिंदगी

सुर , लय और  ताल संग , 
एक ग़ज़ल गा रही है जिन्दगी |
कभी हंसा रही है जिंदगी , 
कभी रुला रही है जिंदगी |

पहलु में पल भर कोई ठहरता नहीं ,
ये क्या गजब ढा रही है जिंदगी |
सब अपनी 2 बात पर अड़े हैं 
फिर भी निभा रही है जिंदगी |

न रहेगा यहाँ कोई अपना ,
ये समझा रही है जिंदगी |
इंसानी  फितरत जान कर भी ,
हमें जीना सीखा रही है जिंदगी |


छुट जायेंगे सभी बारी - बारी ,
ये  बता रही है जिंदगी |
पर जीना तो फिर भी है ,
हमें समझा  रही है जिंदगी |

अपनी हर अदाओं से हमें ...
रिझाती  जा रही है जिंदगी | 
कहाँ चलना , कहाँ रुकना ,
रूबरू करवा रही है जिंदगी |

कभी हाँ - हाँ , कभी ना - ना ,
किये जा रही है जिंदगी |
कभी हंसा रही है तो ...
कभी रुला रही है जिंदगी | 

कैसी है ये दिवानगी


कैसे  होते है ये दिवानें  ?
जो हर वक़्त ...
किसी न किसी की
बाट ही जोहते रहतें  है  |
न ही दुनिया की परवाह ...
और न खुद की खबर ...
बस इंतजार ही इंतजार |
क्या होता है  सपना ?
सिर्फ  इतना ही ... कि 
काश एक बार 
वो मुझे मिल जाती |
उससे मिलके में 
अपने सपने सच कर पाता |
अपने ख्वाब को कुछ पल की
हकीक़त बना पाता |
पर कहाँ है  ये सब इतना आसां ?
वो तो दुसरे के बगिया का फूल है  |
जिसके माली ने उसे बनाया है  |
बड़े अरमानों से ... 
अपनी बगिया में  सजाया  है  |
वो फूल उसके चरणों कि धुल है |
पर दीवानों का  दीवानापन
ये कहाँ ...उसे समझने देता है  |
उनकी  चाहत उनके  बेकरारी 
का सबब बनती है   |
वो तो दिवानों  कि 
तरह उसे चाहता है  |
और न जाने फिर क्यु 
उस पर ही फना हो जाता है |
उसका असर किसी के ...
हिस्से में दर्द तो किसी के हिस्से में
बहार बन के छा जाता  है |