
वो कहता है , " मुझमे अब वो पहले जैसी कोई बात ही नहीं |
मैंने कहा , " तेरे दिल में मेरे लिए अब वो , ज़ज्बात ही नहीं |
वो कहता है , " मेरी कशिश में पहले जैसी खलिश ही नहीं |
मैंने कहा , " तेरी चाहत में अब वो बेइंतहा तड़प ही नहीं |
उसने कहा , " तुम अब भी नहीं बदली , वही अंदाज़ रखती हो |
मैंने कहा , " मोहोब्बत हूँ पर बिखरकर संभलने का हुनर रखती हूँ |
उसने कहा , " बार - बार बदलना ये फितरत में नहीं मेरे |
मैंने कहा , " बेवफा ही सही फिर भी वफा की चाह रखती हूँ |
मायूस होकर , " भूल जाना हमें अब और दर्द न सह पायेंगें |
मैंने कहा , कैसे भूलें ?
तेरे सिवा किसी और को दिल में रख ही न पाएंगे |
मैंने कहा , " तेरी चाहत में अब वो बेइंतहा तड़प ही नहीं |
उसने कहा , " तुम अब भी नहीं बदली , वही अंदाज़ रखती हो |
मैंने कहा , " मोहोब्बत हूँ पर बिखरकर संभलने का हुनर रखती हूँ |
उसने कहा , " बार - बार बदलना ये फितरत में नहीं मेरे |
मैंने कहा , " बेवफा ही सही फिर भी वफा की चाह रखती हूँ |
मायूस होकर , " भूल जाना हमें अब और दर्द न सह पायेंगें |
मैंने कहा , कैसे भूलें ?
तेरे सिवा किसी और को दिल में रख ही न पाएंगे |