तमन्ना


सच मै बेजार हो गई  ये दुनिया ...
लगता है हम इसे , प्यार नहीं करते |
रहते तो  हैं इसके  दिल मै
फिर भी इज़हार  नहीं करते |
तमन्ना  तो रखते है चाँद की
पर उसका दीदार नहीं करते |
खुशबु लेते हैं गुलाब की
मगर काँटों से प्यार नहीं करते |
सुनते तो हैं उसकी मगर
उसपे एतबार   नहीं करते |
और कहते हैं की दुनिया ... बेजार है
पर किसी का इंतजार नहीं करते  |

12 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

वाह ! बेहद खूबसूरती से कोमल भावनाओं को संजोया इस प्रस्तुति में आपने ...

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बहुत बढ़िया.

सादर

Sushil Bakliwal ने कहा…

खुशबु लेते हैं गुलाब की
मगर काँटों से प्यार नहीं करते |

तमन्नाओं से सम्बन्धित हमारे अपने गुण-दोषों का उत्तम चित्रण...

Unknown ने कहा…

खुशबु लेते हैं गुलाब की
मगर काँटों से प्यार नहीं करते |

खूबसूरती प्रस्तुति

vandana gupta ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सोचने वाली बात है ..सुन्दर अभिव्यक्ति

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बेहतरीन अभिव्यक्ति।

विभूति" ने कहा…

bhut sunder prastuti...

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

बहुत बढ़िया.
खूबसूरती प्रस्तुति

***Punam*** ने कहा…

खूबसूरत भावनाओं की प्रस्तुति...!!

उम्दा...
बेहतरीन...

और
खुशनुमा...

Hadi Javed ने कहा…

और कहते हैं की दुनिया ... बेजार है
पर किसी का इंतजार नहीं करते.......
सुन्दर प्रस्तुति

prerna argal ने कहा…

खुशबु लेते हैं गुलाब की मगर काँटों से प्यार नहीं करते | सुनते तो हैं उसकी मगर उसपे एतबार नहीं करते | और कहते हैं की दुनिया ... बेजार है पर किसी का इंतजार नहीं करते |bahut hi sunder rachanaa.badhaai aapko.


please visit my blog and leave a comment also.aabhaar