वो बीते लम्हें


 
कितने प्यारे थे वो दिन ,
जब साथ तुम्हारे चलते थे |
कुछ  वादे तुमसे करते थे ,
फिर तोड़ के आगे बड़ते थे | 

दो पल का हँसना - रोना था ,
फिर रूठ के आगे बढना  था |
प्यारी - प्यारी बातों के साथ  ,
इक दूजे के संग  चलना था |

अब सपनों का सफ़र निराला है  ,
प्यारी बातों  का ताना- बाना है |
उन बीते दिनों के लम्हों का ...
मीठा सा एक फ़साना  है    |

वो पन्नों का जुड़ते जाना था  ,
एक प्यारी किताब बनाना था |
अब उन मीठी  यादों से ही ,
दिल को बहलाते  जाना था   |

आज  फिर से वो सौगात मिली ,
फिर यादों की बरसात हुई |
अब आप तो साथ न आये थे ,
यादों को अपने संग लाए थे |

अब दिल को , तो  बहलाना था |
यादों का सफ़र सुहाना था |
फिर से उन मिट्ठी यादों में ,
पंछी बन कर उड़ जाना  था |

जिंदगी तो  एक तराना  है |
बस प्यार से जीते जाना  है |
मदहोश करते  उन लम्हों में ,
खुद को भूल , बस जाना है |

16 टिप्‍पणियां:

केवल राम ने कहा…

अब दिल को , तो बहलाना था |
यादों का सफ़र सुहाना था |
फिर से उन मिट्ठी यादों में ,
पंछी बन कर उड़ जाना था |

कैसे दिन और कैसी यादें वक़्त सबकी पहचान करवा देता है ....!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

खूबसूरत यादों का खज़ाना ...अच्छी प्रस्तुति

रश्मि प्रभा... ने कहा…

वो पन्नों का जुड़ते जाना था ,
एक प्यारी किताब बनाना था |
अब उन मीठी यादों से ही ,
दिल को बहलाते जाना था |
beshak

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत ही आसान शब्दों में खूबसूरत रचना

अब दिल को , तो बहलाना था |
यादों का सफ़र सुहाना था |
फिर से उन मिट्ठी यादों में ,
पंछी बन कर उड़ जाना था |

सुंदर

संजय भास्‍कर ने कहा…

प्रतीकों से कही गई बात ने कविता को उच्च स्तर प्रदान किया है।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

यही तराना बना रहे,
एक ठिकाना बने रहे।

prerna argal ने कहा…

बहुत ही सुंदर और सरल शब्दों में लिखी बेमिसाल रचना /बहुत बहुत बधाई आपको /




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Anupama Tripathi ने कहा…

शनिवार (१०-९-११) को आपकी कोई पोस्ट नयी-पुरानी हलचल पर है ...कृपया आमंत्रण स्वीकार करें ....और अपने अमूल्य विचार भी दें ..आभार.

Nidhi ने कहा…

दो पल का हँसना - रोना था ,
फिर रूठ के आगे बढना था |
प्यारी - प्यारी बातों के साथ ,
इक दूजे के संग चलना था |
कोमल भाव..मधुर भाषा !!सुन्दा रचना.

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

जिंदगी तो एक तराना है |
बस प्यार से जीते जाना है |
मदहोश करते उन लम्हों में ,
खुद को भूल , बस जाना है |

बहुत ही खूबसूरत अल्फ़ाज़।

सादर

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

सुन्दर यादो के सफर के साथ एक सुन्दर कविता ... बहुत खूब

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

bahut hee sundar rachna likhi hai aapne...mere yahan bhee aapkaa swaagat hai!!

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर लफ्जों में खूबसूरत कविता| धन्यवाद|

जन सुनवाई @legalheal ने कहा…

सादर आमंत्रण आपकी लेखनी को... ताकि लोग आपके माध्यम से लाभान्वित हो सकें.

हमसे प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जुड़े लेखकों का संकलन छापने के लिए एक प्रकाशन गृह सहर्ष सहमत है.

स्वागत... खुशी होगी इसमें आपका सार्थक साथ पाकर.
आइये मिलकर अपने शब्दों को आकार दें

POOJA... ने कहा…

beautiful...
अब दिल को , तो बहलाना था |
यादों का सफ़र सुहाना था |
फिर से उन मिट्ठी यादों में ,
पंछी बन कर उड़ जाना था |

जिंदगी तो एक तराना है |
बस प्यार से जीते जाना है |
मदहोश करते उन लम्हों में ,
खुद को भूल , बस जाना है |
my fav.

Udan Tashtari ने कहा…

सुन्दर अभिव्यक्ति!!