दोस्ती



इन हवाओं से अब दोस्ती हो गई थी  |
लगता है दिए की उम्र लंबी हो गई थी |

अभी तो इसमें कई और  रंग बचे थे  |
तेरी तस्वीर कबकी पूरी हो चुकी थी  |

मेरी सिर्फ जंजीरे ही बदली जा रही थी |
और मैं समझी थी की रिहाई हो रही थी |

जबसे जाना था मंजिल का पता मैंने |
मेरी तो रफ़्तार ही  धीमी हो गई  थी |

बहुत बार चाहा था फिर से हंसना मैंने |
पर उदासी तब और गहरी हो गई  थी |

बहुत ही करीब चली गई थी चाँद के मैं |
उसकी रौशनी में थोड़ी धुंदली हो गई थी |

चल तो रही थी अब साथ - साथ उसके |
पर अपने  परिचय से अंजान हो गई थी |

बहुत कशमकश होती थी जिंदगी में लेकिन |
फिर भी दोस्तों के साथ खुशगवार हो गई थी |

16 टिप्‍पणियां:

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...वाह!

Unknown ने कहा…

अनुपम

Roshi ने कहा…

dost to hote hi aise hai ,bahut sunder.........

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

रंग भरे हैं कितने हमने,
जीवन अभी अधूरा लगता।

Rakesh Kumar ने कहा…

मेरी सिर्फ जंजीरे ही बदली जा रही थी |
और मैं समझी थी की रिहाई हो रही थी |

बहुत सुन्दर कमाल की प्रस्तुति है आपकी.
अनुपम भावों का अहसास कराती हुई.

आभार.

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत सुंदर, क्या कहने

दिगम्बर नासवा ने कहा…

मेरी सिर्फ जंजीरे ही बदली जा रही थी |
और मैं समझी थी की रिहाई हो रही थी |

वाह ... क्या कमाल का शेर है ... लाजवाब गज़ल है पूरी ...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सुन्दर भावाभिव्यक्ति

सागर ने कहा…

behtreen....

संजय भास्‍कर ने कहा…

अरे कमाल का लिखा है आज तो……………मेरे पास तो शब्द कम पड गये है तारीफ़ के लिए

Sunil Kumar ने कहा…

मेरी सिर्फ जंजीरे ही बदली जा रही थी |
और मैं समझी थी की रिहाई हो रही थी |
क्या सोंच है गजब वाह वाह ..

Dr Varsha Singh ने कहा…

बहुत बार चाहा था फिर से हंसना मैंने |
पर उदासी तब और गहरी हो गई थी |

वाह! क्या खूबसूरत गजल कही है आपने !. ....

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…





आदरणीया मीनाक्षी जी
सस्नेहाभिवादन !


बहुत ही करीब चली गई थी चांद के मैं
उसकी रौशनी में थोड़ी धुंदली हो गई थी

लगता है , अब नामधारी शायरों की छुट्टी का इरादा कर लिया है आपने … :)
सच , बहुत प्यारा शे'र है !

आपकी पिछली दो-तीन पोस्ट्स की रचनाएं भी अभी पढ़ीं … पसंद आईं !

♥ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार

Vineet Mishra ने कहा…

bahut khoobsurat prastuti...

tanhaayaadein.blogspot.com

pe swagat hai apka.....intazaar rahega

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत कशमकश होती थी जिंदगी में लेकिन |
फिर भी दोस्तों के साथ खुशगवार हो गई थी |

-बहुत बढ़िया...

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत कशमकश होती थी जिंदगी में लेकिन |
फिर भी दोस्तों के साथ खुशगवार हो गई थी |

-बहुत बढ़िया...