माँ

                                        
ये मेरे मालिक तेरा हमपे ये करम हो गया !
तुने अपनी जगह माँ का जो हमको साथ दिया !
 तू भी जनता था की अकेले तो हम न रह पाएँगे 
इसलिए चुपके से माँ बनके हाथ थाम लिया !
जिंदगी के हर पल में उसने हमारा साथ दिया !
इसलिए जब दर्द  उठा तो माँ का ही जुबाँ ने नाम लिया !
माँ ने तेरा ये  काम बहुत खूबसूरती से कर  दिया !
तेरी ही तरह हम सबको अपना गुलाम कर दिया !
दोनों के एहसानों को तो अलग ना हम कर पाएंगे !
इसलिए उससे लिपट कर तेरे और करीब हम आ जायेंगे ! 

3 टिप्‍पणियां:

मुकेश भारती ने कहा…

ये माँ तेरी सूरत से अलग भगवान कि सूरत क्या होगी.
माँ .... के लिए जितना लिखो काम है.. पर लिखते रहो.. बहुत अच्छे..

Minakshi Pant ने कहा…

धन्यवाद दोस्त !

gyanendra kumar ने कहा…

खुदा ने ये सिफत दुनिया की हर औरत को बख्शी है
वो पागल भी हो जाए तो बच्चे याद रहते हैं।।