सोच


संग हमारे रहती हैं हमसे............
हरदम वो कुच्छ कहती है !
सुख दुख का लेखा करती है !
बिन हवाई बिन रेल टिकट ............
वो  मस्त सफर मै रहती है !
दूर तलक वो जाती है !
धड़कन को तेज़ बडाती है !
नये नये सपनो के संग
उनमे रंग वो भर लाती है !
इक पल न वो रुक पाती है !
हर दम चलती ही जाती है !
चाँद सूरज को छु कर आ ..............
फिर नये एहसास जगाती है !
अच्छी  सोच से अच्छा ..........
बुरी सोच से बुरा बस अपना .......
परिचय  बतलाती  है !
सबके दिल  मै ये समाई है !
हर दिल की रानी कहलाई है !
इंसा के अन्दर छुप- छुप  के
नित नए खेल ये रचाती है !
कोई न इसको जान सका !
बाहरी आवरण बस देख सका !
किसके दिल से ये क्या कहती है ..........
बस उसका दिल ये जान सका !

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