आईना

कयुं गुमसुम से रहते हो |
अपने आप में किसको रचते हो ?
कोई न देख पाएगा  उसे ...
फिर कयुं चेहरे से सब ब्यान करते हो |
चेहरा तो हर दिल का आइना है |
जो दिल न कहे ...
चेहरा ही तो वो  सब कहता है |
कितना बेवफा है ये खुद का चेहरा 
है तो मेरा... पर राजदार उसका है 
हम लाख छुपाये कुछ भी ...
पर आइना बन कर वो 
सब कुछ  ब्यान करता है |

4 टिप्‍पणियां:

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

हम लाख छुपाये कुछ भी ...
पर आइना बन कर वो
सब कुछ ब्यान करता है

AAPNE SAB KUCHH BAYAN KAR DIYA HAI, APNI SUNDAR RACHNA MAIN

Rajeysha ने कहा…

और सच बयान करने वाले आईने को लोग, दूसरों को उनकी हकीकत दि‍खाने के लि‍ये, उनकी ओर कर देते हैं

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सब बता जाता है आईना।

राहुल सिंह ने कहा…

मन का दर्पण चेहरा और दर्पण झूठ न बोले.