चुनों अपनी राहें

सरल बिलकुल सरल है वो ,
उसके गीत गाने को मत मचलना |
अगर जान लो की संगीत है वो ,
तो सुर सजाने को मत निकलना |
तुम्हारे जो सपने हैं ,
उठो उन सपनों के संग |
अपने इस पवित्र हृदय को तुम ,
किसी गर्द में मत डुबोना |
इस छोटे से मन को ,
छोटी - छोटी आशाओं से सजाना |
ज्यादा की चाहत में ,
थोडा भी मत गंवाना  |
अपने प्यारे एहसासों से ,
दुसरे के दिल में जगह बनाना |
अपने सपनों को मोड़ देकर ,
सुदूर भविष्य के सपने सजाना |
जिंदगी तो रोज नई है ,
एक नये ख्वाब की गुज़ारिश करती है |
देखो रोज नये सपने बुन 
तुम उस राह में मत निकलना |
वो शाम ढलते ही 
फिर  से नये की दरकार करती है |
उसकी शर्तों पर न चलकर 
अपनी राह चुनना |
जिंदगी के पीछे न भाग ...
बस एक ख्वाब ही चुनना |
सजाकर फिर उसे अपने ख्वाबों में ...
उसे फिर तुम साकार करना |

14 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

कहाँ आसान है अपनी राह चुनना ... अच्छा सन्देश देती रचना

devendra gautam ने कहा…

तुम्हारे जो सपने हैं ,
उठो उन सपनों के संग |
अपने इस पवित्र हृदय को तुम ,
किसी गर्द में मत डुबोना |
इस छोटे से मन को ,
छोटी - छोटी आशाओं से सजाना |

.... वाह!...बहुत खूब! अच्छा सन्देश
---देवेंद्र गौतम

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सच कहा है ... अपनी रह चुन कर उस पर चलना ही जीवन है .... सुंदर पंक्तिया ...

prerna argal ने कहा…

देखो ... जिंदगी के पीछे न भाग ...
बस एक ख्वाब ही चुनना |
उसी को सजाकर फिर ...
उसे तुम साकार करना |dil se dekhe gaye sapne jarur poore hote hain .bahut achchi rachanaa.badhaai.



please visit my blog.thanks.

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

मेरे मन के भावो जैसी रचना .....बहुत खूब

Sunil Kumar ने कहा…

इस छोटे से मन को ,
छोटी - छोटी आशाओं से सजाना |
सन्देश देती हुई रचना , बधाई

Rachana ने कहा…

जिंदगी तो रोज नई है ,
एक नये ख्वाब की गुज़ारिश करती है |
देखो रोज नये सपने बुन
तुम उस राह में मत निकलना |
वो शाम ढलते ही
फिर से नये की दरकार करती है |
kya panktiyan hain
sahi kaha zindagi aese hi hai
rachana

विभूति" ने कहा…

देखो ... जिंदगी के पीछे न भाग ...
बस एक ख्वाब ही चुनना |
उसी को सजाकर फिर ...
उसे तुम साकार करना |bhut hi khubsurat aur sakratmak rachna....

बेनामी ने कहा…

kya baat hai minakshi ji

Jyoti Mishra ने कहा…

Extremely inspiring
Loved these lines
देखो ... जिंदगी के पीछे न भाग ...
बस एक ख्वाब ही चुनना |
उसी को सजाकर फिर ...
उसे तुम साकार करना |

I'm gonna print it out !!!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

जीने को एक स्वप्न ही पर्याप्त है।

Rahul Singh ने कहा…

सरस, सुरीला.

***Punam*** ने कहा…

"देखो ... जिंदगी के पीछे न भाग ...
बस एक ख्वाब ही चुनना |
उसी को सजाकर फिर ...
उसे तुम साकार करना |"

har haal mein jindagee hamen kuchh n kuchh deti hi jaate hai....

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" ने कहा…

"देखो ... जिंदगी के पीछे न भाग ...
बस एक ख्वाब ही चुनना |
उसी को सजाकर फिर ...
उसे तुम साकार करना |"
ghafil sir ke blog se aap tak pahuncha... aapki in panktiyon ne mujhe prerit kiya..these lines are basically the philosphy of life..aapko utkrist panktiyon ke srijan ke liye badhaiyi.. aur aapko apne blog per amantran bhi.. kabhi mere blog pe bhi aayiyega .. aina dikhaiyega...mujhe to apni banayi har tasbir bhati hai.. aap jaj ban jayiyega.. welcome to www.ashutoshmishrasagar.blogspot.com