है इंसा कि शिकायत कि मुझको कुछ नहीं मिला



हर बज्म में बैठे और खुदको साबित भी कर लिया |
फिर भी रही शिकायत की  हमको कुछ नहीं मिला |

चोखट को अपनी छोड़कर अरमान दिल में ले चले |
पर इतने बड़े जहां में भी कोई अपना सा न मिला |

दिल थाम कश्ती को तूफान के हवाले था कर दिया |
सागर के गर्भ में उतर कर भी हमें कुछ नहीं मिला |


काली अँधेरी  रातों में चाँदनी ने पूरा साथ था दिया |
जिसकी थी दिल में ख्वाइश उसका ही न पता मिला |

इसका - उसका करके खुद के हिस्से में दर्द था लिया |
दर - दर कि ठोकर खाकर भी हमको कुछ नहीं मिला |

ख्वाइश का था ये दिलकश सफर तो वो कैसे हार जाती |
अंधा होता है ये सफर इसलिए इंसा को कुछ नहीं मिला |

18 टिप्‍पणियां:

vidya ने कहा…

वाह!!!
बहुत बहुत सुन्दर भाव मीनाक्षी जी...

कुछ टाईपिंग की गलतियां ठीक कर लीजिए..
इंसा कि शिकायत -को इंसा "की" शिकायत कर लीजिए.

दर - दर कि ठोकर---यहाँ भी "की" कर दीजिए..
और जिसकी थी दिल ने ख्वाइश--यहाँ शायद "ने" की जगह आप "में" लिखना चाह रही हैं..
कृपया मेरे कमेन्ट को अन्यथा ना लें...
सादर..

Minakshi Pant ने कहा…

आपका बहुत २ शुक्रिया दोस्त दोस्त ऐसे ही होते हैं जो गलतियों को बताकर उसे बुलंदी तक ले जाये | शुक्रिया दोस्त :)

vidya ने कहा…

:-) most welcome :-)
love and regards..

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

इस शिकायत को बड़ी खूबसूरती से चित्रित किया है आपने..

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

भावों को बखूबी लिखा है ...

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

मीनाक्षी जी...,,
बहुत बहुत सुन्दर भाव

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव|

दीपक बाबा ने कहा…

उम्दा रचना के लिए साधुवाद.

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

बहुत सुन्दर उद्गार |

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत संवेदनशील और भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत सुन्दर

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना......बहुत ही सुकून भरी पंक्तियाँ..

इसका - उसका करके खुद के हिस्से में दर्द था लिया |
दर - दर कि ठोकर खाकर भी हमको कुछ नहीं मिला |

संजय भास्‍कर ने कहा…

बसंत पंचमी की शुभकामनाएं....

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत खूब खुबसूरत भावो का संयोजन
बेहतरीन अभिव्यक्ति...

avanti singh ने कहा…

ख्वाइश का था ये दिलकश सफर तो वो कैसे हार जाती |
अंधा होता है ये सफर इसलिए इंसा को कुछ नहीं मिला |.....bahut khub..... rachna bahut pyaari bani hai ,bdhai.....

avanti singh ने कहा…

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Maheshwari kaneri ने कहा…

सुन्दर भावो की लाजवाब अभिव्यक्ति मीनाक्षी जी.
.बसंत पंचमी की शुभकामनाएं...

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

"है इंसा कि शिकायत कि मुझको कुछ नहीं मिला"


वाह बहुत खूब

इंसान..जो कभी अपने आप में संतुष्ट नहीं होता

prerna argal ने कहा…

आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (२८) मैं शामिल की गई है /आप आइये और अपने सन्देश देकर हमारा उत्साह बढाइये /आप हिंदी की सेवा इसी मेहनत और लगन से करते रहें यही कामना है /आभार /