बादलों में आज फिर एक शोर हुआ |
बादल बारिश बन धरा से मिलने उतरी |
रिमझिम बूंदों के कोमल स्पन्दन से ...
धरा की कोख में फिर एक अंकुर फुटा |
सुन्दर कोमल कली के जन्म के साथ ...
माँ ने सुन्दर एक रचना को आकर दिया |
प्यार , दुलार और संरक्षण पाकर |
पौधे ने अब पेड़ का है रूप लिया |
फल , फूल छाया को खुद में सजा ...
फिर से सृष्टि कि रचना को तैयार किया |
फिर नारी शब्द से इतनी नफरत कैसी ?
स्त्री के बिना जो होगी वो कुदरत कैसी ?
उसके बिना तो हर श्रृंगार ही अधूरा है |
उसके बिना प्रेम का न कोई पाठ पूरा है |
शक्ति बिना शिव का आस्तित्व ही नहीं |
बिन राधा के कृष्ण का हर रास अधूरा |
सहनशीलता , सृजन का पर्याय है नारी |
धडकनों में चलने वाली रवानगी है नारी |
उसके बिना सृष्टि की हर रचना अधूरी |
सोचो - २ बिन कन्या के कोई बात कैसे हो पूरी ?
धरा की कोख में फिर एक अंकुर फुटा |
सुन्दर कोमल कली के जन्म के साथ ...
माँ ने सुन्दर एक रचना को आकर दिया |
प्यार , दुलार और संरक्षण पाकर |
पौधे ने अब पेड़ का है रूप लिया |
फल , फूल छाया को खुद में सजा ...
फिर से सृष्टि कि रचना को तैयार किया |
फिर नारी शब्द से इतनी नफरत कैसी ?
स्त्री के बिना जो होगी वो कुदरत कैसी ?
उसके बिना तो हर श्रृंगार ही अधूरा है |
उसके बिना प्रेम का न कोई पाठ पूरा है |
शक्ति बिना शिव का आस्तित्व ही नहीं |
बिन राधा के कृष्ण का हर रास अधूरा |
सहनशीलता , सृजन का पर्याय है नारी |
धडकनों में चलने वाली रवानगी है नारी |
उसके बिना सृष्टि की हर रचना अधूरी |
सोचो - २ बिन कन्या के कोई बात कैसे हो पूरी ?
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12 टिप्पणियां:
"सृजन का पर्याय है नारी"
बहुत सुन्दर रचना... आभार
संतुलन बनाना ही होगा, उन्हें बचाना ही होगा।
I am expecting a baby next month and I am so excited about it...I wish I get a baby girl as a gift from GOD.
बहुत - बहुत शुक्रिया संध्या जी |
प्रवीण जी मैं आपकी बहुत आभारी हूँ |
सुरेंदर जी आपको हमरी तरफ से ठेर सारी शुभकामनायें भगवान आपकी दुआ जरुर पूरी करें | आपका बहुत २ शुक्रिया |
सच कहा है ... इस शश्रृष्टि का भी निर्माण भी संभव नहीं है नारी के बिना ... तो बेटी भी है ...
ईश्वर की सबसे प्यारी रचना पर लिखी....
बहुत प्यारी रचना..
सादर.
शक्ति बिना शिव का आस्तित्व ही नहीं |
बिन राधा के कृष्ण का हर रास अधूरा |
सहनशीलता , सृजन का पर्याय है नारी |
धडकनों में चलने वाली रवानगी है नारी |
उसके बिना सृष्टि की हर रचना अधूरी |
सोचो - २ बिन कन्या के कोई बात कैसे हो पूरी ? — os ki boondon si hoti hain betiyan
do do kulon ke laz ko dhoti hain......
शक्ति बिना शिव का आस्तित्व ही नहीं |
बिन राधा के कृष्ण का हर रास अधूरा |
सहनशीलता , सृजन का पर्याय है नारी |
धडकनों में चलने वाली रवानगी है नारी |
उसके बिना सृष्टि की हर रचना अधूरी |
सोचो - २ बिन कन्या के कोई बात कैसे हो पूरी ? — os ki boondon si hoti hain betiyan
do do kulon ke laz ko dhoti hain......
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
सुन्दर प्रस्तुति.....बहुत बहुत बधाई...
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