बस छोटी सी एक
इल्तजा है तुमसे ...
कुछ देर पंछी बन...
उड़ने की मोहलत मुझे दे दो |
कभी चाँद में छुप जाऊ |
कभी बादल में समा जाऊ |
बस छोटी सी ये ख्वाइश
पूरी मेरी कर दो |
जो मैं रच दूँ कोई सरगम
तो बेहिचक गीत रचने का
होंसला मुझे दे दो |
तपती रेत में जब
जलने लगे पैर मेरे ...
तो निरंतर बढते रहने की
ताकत मुझे दे दो |
हाँ हूँ मैं सागर सीमाओं को
अपनी खूब पहचानती हूँ |
तुम बस करके भरोसा
कुछ पल पंख पसारने का
वादा मुझे दे दो |
23 टिप्पणियां:
Sunder Bhavmayee Iltija likhi aapne..
छोटी सी यह इल्तिजा, हो जाएँ माँ पूर ।
पंख मिलें हर पट खुले, उड़ कर आऊं दूर ।।
बहुत सुन्दर..........
आजादी के दो पल भी काफी हैं.......
सादर.
काश अवसर और शक्ति मिलती रहे।
बेहतरीन
सादर
bahut hi sundar||||
bahut lajavab abhivykti hai...
खूबसूरत अभिव्यक्ति ॥
बहुत भावपूर्ण |
आशा
वाह जी सुंदर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
क्या बात है जी ! अभिव्यक्ति की अप्रतिम प्रस्तुती शुभकामनये जी /
sundar bhaavpoorn abhivyakti
very nice.....
हाँ हूँ मैं सागर सीमाओं को
अपनी खूब पहचानती हूँ |
तुम बस करके भरोसा
कुछ पल पंख पसारने का
वादा मुझे दे दो |
सागर की तरह घटा बढ़ा सकतीं हूँ मैं अपना आकार ,जल राशि ,मुझे गुरुत्व की ताल पे नर्तन करते जाना है ,आगे और आगे ....
badi pyari hai aapki iltaza.....zaroor poori ho ......
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
वाह ...बहुत ही अनुपम भावों का संगम ।
जो मैं रच दूँ कोई सरगम
तो बेहिचक गीत रचने का
होंसला मुझे दे दो |
..bahut sundar manobhav...
तपती रेत में जब
जलने लगे पैर मेरे ...
तो निरंतर बढते रहने की
ताकत मुझे दे दो द्य
मन की शक्ति के प्रति आश्वस्त कराती सुंदर रचना।
कुछ कमी अपने भीतर ही लग रही है क्योंकि हर चीज़ के लिए सहायता मांगी जा रही है!
हाँ हूँ मैं सागर सीमाओं को
अपनी खूब पहचानती हूँ |
तुम बस करके भरोसा
कुछ पल पंख पसारने का
वादा मुझे दे दो |
adbhut NIRALA adbhut.
aapane thorha sa kahan manga bas
aasaman udane ko mang liya .
ishwar aapako sachamuch aasman den.
...बहुत सुन्दर और भावमयी प्रस्तुति...
बहुत सुंदर
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