हाइकु



मन का मीत
जीवन में संगीत 
यही है प्रीत 
____*_____

जीवन नैया 
चल दूर खिवैया
ओ मेरे सैयां

____*______

सुन्दर कली
फूल बन के खिली
बिदाई भली

____*_______

जीवन डोर
पकड़ दूजे छोर
न कर शोर

_____*______

नाचे है मोर 

आ गई है बोर 
दूसरी छोर 

____*_____

रंग है काला
मनमोहन ग्वाला
बांसुरी वाला

______*_____

है अभिलाषा
जीवन एक आशा
ये परिभाषा
_____*_____

18 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

खूबसूरत हाइकु रचनाएँ

Minakshi Pant ने कहा…

शुक्रिया दीदी |

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत सुंदर,
क्या बात है।

Rajendra kumar ने कहा…

बहुत ही सुन्दर और सार्थक हाइकू,आभार.

Minakshi Pant ने कहा…

शुक्रिया महेन्द्र जी |

Minakshi Pant ने कहा…

शुक्रिया राजेन्द्र जी |

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

प्यारभरे हाईकू।

अरुन अनन्त ने कहा…

आपकी यह रचना कल मंगलवार (28 -05-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

Saras ने कहा…

अच्छे हाइकू ...!!!

ओंकारनाथ मिश्र ने कहा…

सब बहुत अच्छे हैं.

सदा ने कहा…

वाह ... बहुत ही बढिया हाइकु

दिगम्बर नासवा ने कहा…

लाजवाब ... प्रेम के रंग में रंगे हाइकू ...

रश्मि शर्मा ने कहा…

सब अच्‍छे हैं...

Jyoti khare ने कहा…

वाह----छोटी-छोटी अनुभूतियाँ
पर जीवन के उजलेपन को उजागर करती हुई
गजब
सादर



आग्रह है मेरे ब्लॉग का अनुसरण करें
तपती गरमी जेठ मास में---
http://jyoti-khare.blogspot.in

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

बेहतरीन हाइकु....

Minakshi Pant ने कहा…

सभी मित्रों का तहे दिल से शुक्रिया |

Suman ने कहा…

बहुत सुन्दर ...

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर हाइकु...