चुप्पी कितनी प्यारी जुबाँ रखती है !
बिन कहे हर बात बयां करती है !
हर हाल को बदलने की हिम्मत रखती है !
सारे फेसले पल भर मै ये हल करती है !
किसी से कोई शिकवा गिला ना ये करती है !
मेरे तो दिन रत ये साथ रहती है !
दुसरे की भावनाओ का सम्मान करती है !
मुझे तो ये प्यार का सागर लगती है !
बिना कहे सारे जवाब दे देती है !
सारे मुद्दे बिना कानून के संभाल लेती है !
रिश्तो को एक लम्बा सफ़र देती है !
1 टिप्पणी:
चुप्पी ठगनी है अच्छी नहीं होती है
तिल का ताड़ चुप्पी ही बनाती है
और गलत सोचने के लिए चुप्पी ही उकसाती है।
चुप्पी किसी की लोगों को सता सकती है
और चुप्पी रिश्तों में दूरियां बना सकती है।
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