अज़ब कहानी है ये जिंदगानी


क्यु  ज़माने की बात करते हो
दिल दुखाने की बात करते हो
हमने एसी क्या खता की है
जो हरदम सताने की बात करते हो
क्या तुमको हमसे प्यार नहीं ?
या मेरे प्यार का एहसास नहीं
जानते तो हो तुम सब कुच्छ
फिर क्यु दिल जलाने  की बात करते हो !
तेरा साथ तो हम भी न छोड़ेंगे
तेरे बिन हम केसे रह लेंगे
फिर ये बात कह - कह कर
क्यु पीछा छुड़ाने की बात करते हो ?
क्या तुमको हमपे यकीं नहीं ?
मेरे प्यार की खबर नहीं
जब भी हमसे कुछ कहते हो
इलज़ाम लगाने की बात करते हो
कब तक ये सब सहना होगा ?
अपनी व्यथा को यु कहना होगा
या हंस - हंस के फिर अब हमको
सब बातो को सहना होगा !

कोई टिप्पणी नहीं: