लेखक , कवि व् साहित्यकार
तो पहले भी कई हुए |
अपने - अपने विचारों से
सबने पन्ने भी हैं भरे |
स्कूल , कालेजों मै ,
हमने भी उन्हें पढ़ा ,
पर क्या आज तक उनके
कहने पे कोई चला ?
हर किसी ने अपनी ही बात का
अनुसरण है किया |
क्युकी हर कोई अपनी
दिल कि कहानी लिखता है |
अपनी ही सोच को...
ख़ाली कर ... आने वाली
सोच का स्वागत करता है |
ये उसकी एक छोटी सी...
कोशिश ही तो होती है |
यु समझो अपने साथ बीते...
लम्हों कि बात होती है |
क्युकी ... इन्सान के सोच का
तो कोई अंत नहीं |
अगर कोई लिखने लगे तो
दिनकर , प्रेमचंद जी से भी कोई कम नहीं |
हर किसी के पास....
सोच का एक बड़ा खजाना है |
यु समझो सबने अपने विचारों से
इतिहास को रचते जाना है |
6 टिप्पणियां:
हर किसी के पास...............
सोच का बड़ा खजाना है !
यु समझो सबने अपने विचारों से
इतिहास को रचते जाना है !
आज के परिदृश्य में आपकी ये बातें बेहद अर्थपूर्ण और विचारणीय हैं.
सादर
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मिले सुर मेरा तुम्हारा - नया बनाम पुराना
अपने - अपने विचारों से
सबने पन्ने भी भरे !
स्कूल , कालेजों मै ,
हमने भी उन्हें पढ़ा ,
पर क्या आज तक उनके
कहने पे कोई चला ?
हर किसी ने अपनी ही बात का
अनुसरण है किया !
bilkul sahi kaha aapne
क्या बात है..बहुत खूब..बेहद अर्थपूर्ण और विचारणीय हैं... खूबसूरत अभिव्यक्ति. शुभकामना
हर किसी के पास...............
सोच का एक बड़ा खजाना है !
यु समझो सबने अपने विचारों से
इतिहास को रचते जाना है !
बहुत सुंदर ... आपकी बातों से इस रचना के भाव से सहमत हूँ....
साहित्य, किसी के विचारो पर चलने की चीज नहीं ॥
यह समाज में हो रहे घटनाओं का प्रतिबिम्ब मात्र है
bahut sunder........
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