ये जिंदगानी भी ...........
एक अजब कहानी है ,
न जाने और किस किस ..........
को हमे ये सुनानी है !
जितना ही इसके करीब
हम जाना चाहते हैं !
एसा लगता है की इससे
और दूर हम चले जाते हैं !
न ही ये हम तक ...........
खुद करीब आती है !
न ही ये हमको ..........
खुद से दूर जाने देती है !
न जाने हमसे ...........
क्या ये चाहती है !
ये तो बस नित ........ .
नये-नये खेल ही रचाती है !
जब देखो नया रंग
हमें ये दिखाती है !
उसी मै हमे बाँधती ...........
चली जाती है !
अपनी जिंदगी तो ये ............
हममे रह कर जीती है !
हमारी जिन्दगी से ...........
हमे ही महरूम करती जाती है !
जिंदगी का सफ़र............
सच मै ही निराला है !
लगता हैं इसीलिए ...........
इसका नाम जिन्दगी दे डाला है !
3 टिप्पणियां:
अच्छी प्रस्तुति। हर शब्दय में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
अबूझ पहेली जैसी अपरिभाषित जिंदगी.
minakshi ji...
waakai mein isi ka naaam zindagee hai...
khoobsurat prastuti hai aapki..
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