तितली रानी




तितली रानी तितली रानी ,
छोटी  सी है तेरी  जिंदगानी !
फिर भी मदमस्त सी उडती !
सबके मन को हरदम हरती !
रंग बिरंगे फूलों में जा जा के ,
अपना एहसास जगाती ................!
फूलों की पंखुड़ियों में बैठ- बैठ ,
फिर सुन्दर राग  सुनाती !
फूलों की सुन्दरता को तू ..........,
फिर चार चाँद   लगाती !
माली कितना भी पकडे तुझको ,
पर तू हाथ न आती ........!
नाच नाच फिर बगियाँ में .......
अपना करतब दिखलाती !
बच्चे जो तुझे पकड़ते ,
तू फुर्र से उड़ जाती !
बच्चो के कोमल कोमल
हाथों में भी आना न चाहती !
सबसे दूर दूर जाते जाते ,
तू अपने  पंख  हिलाती !
तितली ओ तितली रानी ,
तू तो बड़ी ही सयानी !
इतनी बेरहम दुनिया से ,
तू खुद को कैसे  ले बचाती !
  

1 टिप्पणी:

शिव शंकर ने कहा…

तितली रानी तितली रानी , छोटी सी है तेरी जिंदगानी !
वाह वाह बस ,धन्यवाद।