कुछ पाने की चाह ...
हर वक़्त सबको निहारना
उनकी आँखों में खुद को तलाशना |
एक अकेलापन
कुछ पाने की चाह
सब कुछ था उसके पास
फिर भी एक शून्य को निहारना |
सिर्फ एक आस ...
काश मेरा भी कोई होता |
जो सिर्फ मेरी सुनता |
मुझे राह दिखाता |
रौशनी दिखी , मंजिल भी मिली |
आँखों ने ऐसी बरसात की
मानो सेलाब आ गया |
जो अब तक किसी से
न कहकर चुपचाप आँखों में कैद थी |
आज उसने सब बयाँ कर दिया |
जिसकी उसे बरसों से तलाश थी ,
उसे वो मंजिल मिल गई |
उसके सारे दर्द उन आसुओं में बह गये |
अब उसे सुकून था |
उसकी मंजिल उसके पास थी |
पर कब तक ?
जीवन है ... कहाँ ठहरता है |
वो तो मौसम की तरह हरपल बदलता है |
आज यहाँ तो कल , वहां ठहरता है |
न जाने कब करवट बदल ले ?
और फिर ये तो सफ़र है |
घडी की सुइयों की भांति टिक - टिक
टिक - टिक बस चलते ही रहना |
हरपल जिन्दगी से जुड़ा हुआ |
और इसका रुकना तो ...
जीवन का ही रुकना होगा |
इस नियम का बने रहना ही बेहतर है |
18 टिप्पणियां:
जीवन बढ़ता रहे, सधा हुआ सा।
जीवन चलने ला नाम ... अच्छी प्रस्तुति
बेहतरीन कविता !
सादर
अच्छी कविता. आभार.
jeevan chalne ka naam
chalte raho sunah ---shaam
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (16-5-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
ऐसी ही है जिन्दगी...बढ़िया रचना.
पल दो पल का साथ हमारा
पल दो पल के याराने हैं
इस मंज़िल पे मिलने वाले
उस मंज़िल पे खो जाने हैं ...
बहुत सुंदर भाव हैं आपकी रचना में । शुभकामनाएँ ।
सुन्दर अभिव्यक्ति.
jeevan chalti ka naam gari..:)
sach me aap un bloggers me ho....jinko hamne kahan se kahan pahuchte dekha....:)
beshak hame wahi ruke rah gaye, jahan the..:D
बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
bahut hi achchi rachanaa.samay ke saath jindagi ke safer ki tulanaa aek sunder abhibyakti.badhaai aapko.
please visit my blog and leave the comments also.aabhaar
achhi lagi rachna ........
मन के भा्वों की सुन्दर अभिव्यक्ति है
मैं अपने सभी प्यारे दोस्तों को सबसे पहले प्रणाम करती हूँ और मैं आप सभी का तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ | ये सभी रचना मैंने लिखी जरुर हैं पर इसमें आप सब मेरे भागीदार हैं क्युकी अगर इतना प्रोत्साहन न मिला होता तो आज में यहाँ कभी न होती |
एक बार फिर से सभी का शुक्रिया दोस्तों |
वाह ... बहुत खूब कहा है आपने ।
जीवन और पानी ...बहता , चलता ही अच्छा है !
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