कैसे होते है ये दिवानें ?
जो हर वक़्त ...
किसी न किसी की
बाट ही जोहते रहतें है |
किसी न किसी की
बाट ही जोहते रहतें है |
न ही दुनिया की परवाह ...
और न खुद की खबर ...
बस इंतजार ही इंतजार |
बस इंतजार ही इंतजार |
क्या होता है सपना ?
सिर्फ इतना ही ... कि
काश एक बार
वो मुझे मिल जाती |
उससे मिलके में
अपने सपने सच कर पाता |
अपने ख्वाब को कुछ पल की
हकीक़त बना पाता |
हकीक़त बना पाता |
पर कहाँ है ये सब इतना आसां ?
वो तो दुसरे के बगिया का फूल है |
जिसके माली ने उसे बनाया है |
बड़े अरमानों से ...
अपनी बगिया में सजाया है |
वो फूल उसके चरणों कि धुल है |
पर दीवानों का दीवानापन
ये कहाँ ...उसे समझने देता है |
ये कहाँ ...उसे समझने देता है |
उनकी चाहत उनके बेकरारी
का सबब बनती है |
वो तो दिवानों कि
तरह उसे चाहता है |
और न जाने फिर क्यु
उस पर ही फना हो जाता है |
उसका असर किसी के ...
हिस्से में दर्द तो किसी के हिस्से में
बहार बन के छा जाता है |
उसका असर किसी के ...
हिस्से में दर्द तो किसी के हिस्से में
बहार बन के छा जाता है |
17 टिप्पणियां:
bahut khub
Bahut khub
पर दीवानों का दीवानापन
ये कहाँ ...उसे समझने देता है |
उनकी चाहत उनके बेकरारी
का सबब बनती है |
वो तो दिवानों कि
तरह उसे चाहता है |
और न जाने फिर क्यु
उस पर ही फना हो जाता है |
उसका असर किसी के ...
हिस्से में दर्द तो किसी के हिस्से में
बहार बन के छा जाता है |bahut badiya rachanaa.shabdon ka sunder chayan.badhaai sweekaren.
बहुत बढ़िया लिखा है आपने.
सादर
अच्छी अभिव्यक्ति .....
दीवाने ऐसे ही होते हैं :)
जो नहीं मिलता उसी की चाहत बनी रहती है ... अच्छी प्रस्तुति
किसी के ...
हिस्से में दर्द तो किसी के हिस्से में
बहार बन के छा जाता है |
जीवन इन्हीं विरोधाभासों का संगम है ..लेकिन जो हमें नहीं मिलता वह हमारे लिए महत्वपूर्ण बना रहता है .....गहरी भावनाएं शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त हुई हैं ....आपका आभार
उसका असर किसी के ...
हिस्से में दर्द तो किसी के हिस्से में
बहार बन के छा जाता है |
सच्चाई ....//
बहुत खूब !
lovely lines !!
awesome..
the picture used is of movie shawshank redemption... which clearly shows how a single hope can take us high and high
बेहतरीन कविता है...... वाकई दुनिया रंग रंगीली है इस कविता के माध्यम से आपने भी समझा दिया.
bhut hi achi rachna...
कोई जाने न...
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मेरे ख़ुदा मुझे जीने का वो सलीक़ा दे...
मेरे द्वारे बहुत पुराना, पेड़ खड़ा है पीपल का।
बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
चाहत पर किसका जोर चलता है...!!
गहरी भावनाएं .....
ये बातें हैं बड़ी निराली।
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