उलझे रहे हम आज बस इन्हीं ख्यालों में |
वो न जाने अब क्या सोचेंगे हमारे बारे में |
फिर दिल से एक धीमी सी आवाज आई |
क्या अब तक न जान पाए वो मेरे बारे में ?
हमने तो अपने दिल की हर बात कही थी |
अपने अच्छे बुरे की उनसे पहचान कही थी |
अब भी उनके दिल में कोई सवाल बाकि है ?
हमें लगा था अब तक दोस्ती महक गई थी |
दूर रहकर भी तो वो मेरे इतने करीब हैं |
हम हैं उनके ख्यालों में ये हमें यकीन है |
मेरे ख्यालों में भी वो ही तो हैं सजते |
क्या उनकों इस बात की खबर ही नहीं है ?
हाले दिल हमने एक दूजे से इस तरह कहा |
न चाहते हुए भी उनको दिल में रख लिया |
अब भी न वो अगर मुझको जान पायें हैं |
तो दोस्त बने रहने का फिर क्या मजा रहा |
11 टिप्पणियां:
मीनाक्षी जी
नमस्कार !
अब भी उनके दिल में कोई सवाल बाकि है ?
हमें लगा था अब तक दोस्ती महक गई थी |
अच्छी अभिव्यक्ति के लिए बधाई |
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
बहुत प्यारी बात कही।
काश, सभी को समझ में आती।
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
क्या बात है, बहुत सुंदर रचना
दूर रहकर भी तो वो मेरे इतने करीब हैं |
हम हैं उनके ख्यालों में ये हमें यकीन है |
यकीन पर ही तो सब है.सुन्दर रचना.
अब भी उनके दिल में कोई सवाल बाकि है ?
हमें लगा था अब तक दोस्ती महक गई थी |
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति...
दिल के भी खेल निकाले हैं।
अब भी न वो अगर मुझको जान पायें हैं |
तो दोस्त बने रहने का फिर क्या मजा रहा |
जानते हैं पर बताते नहीं ... अच्छी प्रस्तुति
.
आहा जी ! रचना बहुत अच्छी लगी !
बहुत बहुत बधाई !
दिल को छु गयी रचना....
उलझे रहे हम आज बस इन्हीं ख्यालों में |
वो न जाने अब क्या सोचेंगे हमारे बारे में |
-क्या बात है, बहुत खूब!!
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