कुछ तो समझो



उलझे रहे हम आज बस इन्हीं  ख्यालों में |
वो न जाने अब क्या सोचेंगे हमारे बारे में |
फिर दिल से एक धीमी सी आवाज आई |
क्या अब तक न जान पाए वो मेरे बारे में ?

हमने तो अपने दिल की हर बात कही थी |
अपने अच्छे बुरे की उनसे पहचान कही थी |
अब भी उनके दिल में कोई सवाल बाकि है ?
हमें लगा था अब तक दोस्ती महक गई थी |

दूर रहकर भी तो वो मेरे इतने करीब हैं |
हम हैं उनके ख्यालों में ये हमें यकीन है |
मेरे ख्यालों में भी वो ही तो  हैं सजते |
क्या उनकों इस बात की खबर ही नहीं है ?

हाले दिल हमने एक दूजे से इस तरह कहा |
न चाहते हुए भी उनको दिल में रख लिया |
अब भी न वो अगर मुझको जान पायें हैं |
तो दोस्त बने रहने का फिर क्या मजा रहा |

11 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

मीनाक्षी जी
नमस्कार !
अब भी उनके दिल में कोई सवाल बाकि है ?
हमें लगा था अब तक दोस्ती महक गई थी |

अच्छी अभिव्यक्ति के लिए बधाई |
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत प्‍यारी बात कही।
काश, सभी को समझ में आती।

vandana gupta ने कहा…

बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

क्या बात है, बहुत सुंदर रचना

दूर रहकर भी तो वो मेरे इतने करीब हैं |
हम हैं उनके ख्यालों में ये हमें यकीन है |

Unknown ने कहा…

यकीन पर ही तो सब है.सुन्दर रचना.

संध्या शर्मा ने कहा…

अब भी उनके दिल में कोई सवाल बाकि है ?
हमें लगा था अब तक दोस्ती महक गई थी |
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति...

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

दिल के भी खेल निकाले हैं।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अब भी न वो अगर मुझको जान पायें हैं |
तो दोस्त बने रहने का फिर क्या मजा रहा |

जानते हैं पर बताते नहीं ... अच्छी प्रस्तुति

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

.



आहा जी ! रचना बहुत अच्छी लगी !
बहुत बहुत बधाई !

विभूति" ने कहा…

दिल को छु गयी रचना....

Udan Tashtari ने कहा…

उलझे रहे हम आज बस इन्हीं ख्यालों में |
वो न जाने अब क्या सोचेंगे हमारे बारे में |


-क्या बात है, बहुत खूब!!