बापू जी बापू जी , चश्मे वाले बापूजी |
सादा जीवन उच्च विचार , ऐसा बोले बापूजी |
किस किसने इनको अपनाया ये तो न जाने बापूजी |
चश्मा , लाठी, धोती , कुर्ता हर दम पहने बापूजी |
दुबली पतली थी काया पर बात में था दम उनके जी |
बुरा न कहो , बुरा न सुनो , बुरा न देखो
हरदम ऐसा ही बोले बापूजी |
कितने सरल अंदाज़ में पाठ पढा गए बापूजी |
और सारे संसार में अपना नाम कर गए बापूजी |
इतने मुश्किल काम को भी आसां बना गए बापूजी |
आज फिर उनके चरणों में हम शीश नवाए मिलके जी |
हरदम ऐसा ही बोले बापूजी |
कितने सरल अंदाज़ में पाठ पढा गए बापूजी |
और सारे संसार में अपना नाम कर गए बापूजी |
इतने मुश्किल काम को भी आसां बना गए बापूजी |
आज फिर उनके चरणों में हम शीश नवाए मिलके जी |
8 टिप्पणियां:
इतने मुश्किल काम को भी आसां बना गए बापूजी |
आज फिर उनके चरणों में हम शीश नवाए मिलके जी |
उच्च कोटि की रचना.......आभार
वर्तमान युग में नैतिक दार्शनिकों में महात्मा गांधी का नाम सर्वोपरि है। तभी तो आदर से हम उन्हें महात्मा कहते हैं। मूलतः वे एक समाज-सुधारक संत थे। उनका मुख्य कार्य जनता को प्रबुद्ध बनाना था। उन्होंने समाज को नया मार्ग बताया, एक नई दिशा दी। उन्होंने किसी दर्शन और धर्म को जन्म नहीं दिया, किसी सम्प्रदाय की स्थापना नहीं की।
बापू को प्रणाम।
सुन्दर जानकारी ... शुक्रिया ...
आपको नव रात्री की बहुत बहुत शुभकामनाएं .
हम सबके थे प्यारे बापू।
सुंदर व सरल प्रस्तुति।
गाँधी जयंती की हम सभा को शुभकामनायें।
शत शत नमन बापू को...
bapu ji ki jai ho
Bapu ji ko sat-sat naman.
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