परिचय


पलपल दिल को अब करार आ रहा है |
जमाना हमको हमसे मिलवा  रहा है |

कश पे कश प्यार का चढ़ाए जा रहे हैं |
दिल का गुबार धुएं में उडाये जा रहे हैं |

कश्तियाँ खोल दी सबने अपने खेमें से |
तूफानों से लड़ना उनको सिखला रहे हैं |

कितनी भी गमगिनियाँ हो राहे वफा में |
जश्ने जिंदगी अब सब मनाये जा रहें हैं |

कोई भी कर रहा हो जिंदगी से खिलाफत |
ये जानकार भी सब मुस्कुराये जा रहे हैं |

दिया है वादा जिंदगी को  साथ निभाने का |
इसलिए हंस - हंसकर सब जिए जा रहे हैं |

9 टिप्‍पणियां:

vidya ने कहा…

कितनी भी गमगिनियाँ हो राहे वफा में |
जश्ने जिंदगी अब सब मनाये जा रहें हैं |

जीवन है ...जीना तो पड़ेगा...तो हंस के ही सही...

सुन्दर रचना .

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

यूं ही हँसते हुये जीना बेहतर ही ... अच्छी पेशकश

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

muskurana hi jindagi hai......

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बढ़े चलें हम सब ऐसे ही, जीवन यूँ भरमायेगा...

***Punam*** ने कहा…

कितनी भी गमगिनियाँ हो राहे वफा में |
जश्ने जिंदगी अब सब मनाये जा रहें हैं |

sahi kaha.....
kisko fursat hai jo ab gamgeen ho....
bas khushi hi manaayen...bhale hi vo kisi bhi tarah se mile...

Rajput ने कहा…

कश्तियाँ खोल दी सबने अपने खेमें से |
तूफानों से लड़ना उनको सिखला रहे हैं ..
सुन्दर रचना.

संजय भास्‍कर ने कहा…

बेहतरीन रचना देने के लिए आभार

संजय भास्‍कर ने कहा…

कोई भी कर रहा हो जिंदगी से खिलाफत |
ये जानकार भी सब मुस्कुराये जा रहे हैं |
......क्या कहने, बहुत सुंदर

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

बेहतरीन के लिए आभार