मुस्कान ही हमेशा कुछ नहीं कहती |
आवाज से हर बात बयाँ नहीं होती |
अहसास आंसूंओं से भी बयाँ होते हैं |
उनकी भी अपनी एक जुबाँ होती है |
मन को गुदगुदाती खुशी हो ...
या हताश के हों पल |
आशा की आहट हो या ...
फिर आकांशा की हो धमक |
भय से डरकर ...
या सुख में रमकर ...
हृदय की गोद से ...
एक बूंद आँखों में आती है |
आँखे तो हर हाल में छलक उठने को ...
बेकरार सी हो जाती हैं |
हाँ भाव ही तो है जो धरते हैं झट से
आँखों में एक तरल रूप |
जो आंसू बनकर हर बात बयाँ कर जाते हैं |
19 टिप्पणियां:
आँखों में एक तरल रूप |
जो आंसू बनकर हर बात बयाँ कर जाते हैं |
बहुत बढ़िया प्रस्तुति, सुंदर रचना,.....
MY RECENT POST.....काव्यान्जलि.....:ऐसे रात गुजारी हमने.....
भावो को संजोये रचना......
बहुत ही बढ़िया
सादर
निराला अंदाज.
भावनाओं को जब ठेस पहुंचती है तो ये तो रोके न रुकती है।
जी हाँ आंसुओं की भी अपनी एक जुबाँ होती है, गम हो या ख़ुशी झलक कर अपनी बात कह ही देते हैं...
आँसू बहुत बेवफा होते हैं ....सब कुछ बयान कर देते हैं ...खूबसूरत रचना
भावमय करते शब्द ...
बहुत सुन्दर भावप्रणव प्रस्तुति।
--
आज चार दिनों बाद नेट पर आना हुआ है। अतः केवल उपस्थिति ही दर्ज करा रहा हूँ!
मन को गुदगुदाती खुशी हो ...
या हताश के हों पल |
आशा की आहट हो या ...
फिर आकांशा की हो धमक |
भय से डरकर ...
या सुख में रमकर ...
हृदय की गोद से ...
एक बूंद आँखों में आती है |
आपको समर्पित .
अश्क आँखों में उतर आता है ,
बात हो प्यार या फिर दर्द की ..
अहसास आंसूंओं से भी बयाँ होते हैं |
उनकी भी अपनी एक जुबाँ होती है |....बहुत सही कहा मीनाक्षीजी ....और वह बोली मन में गहरे पैठ जाती है
बहुत समय पश्चात आप मेरे ब्लॉग पर आईं.
बहुत ही अच्छा लगा.
जानकर अफसोस हुआ कि आपके बेटे की
तबियत ठीक नही रही.आशा और दुआ
करता हूँ कि वह पूर्ण स्वस्थ और खुश रहे.
आपकी प्रस्तुति का अपना ही अंदाज होता है.
भावभीनी प्रस्तुति के लिए आभार.
एहसास आँखों से जो उतरे , असली वही होते हैं .....
आँसू ही इस दिल की और इस चहरे की कहानी बयां कर जाते हैं .....
आँसुओं में अपनी बात कहने की गजब की ताकत होती है...बहुत अच्छी लगी आपकी कविता...
मेरे ब्लौग पर आपका स्वागत है...आप आईं...आभार!
मुस्कान ही हमेशा कुछ नहीं कहती |
आवाज से हर बात बयाँ नहीं होती |
अहसास आंसूंओं से भी बयाँ होते हैं
|उनकी भी अपनी एक जुबाँ होती है |
finely refined
बहुत सुंदर । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । । धन्यवाद ।
सच है एहसासों कों समझने के लिए आंसुओं की जुबान जानना जरूरी है ... लाजवाब भाव ...
होंठ जब सिल चुके होंगे निगाहें बोलेगी
सुंदर प्रस्तुति
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