तेरी पहचान को लोग , नाम देने लगे हैं |
तेरे लहराते आँचल को , सलाम देने लगे हैं |
तेरे मुस्कुराने से ही तो , मुस्कुरानें लगी है हर शय |
तेरे जोश को देखकर , रिश्तों में निखर आने लगे हैं |
जब तू कमर कसती है , तो थम जाती है दुनिया |
तेरे सजदों के आगे अब , दुनिया झुकने लगी है |
तेरे नाम से ही अब नया इतिहास , रचा जायेगा |
पहले कहते थे .... अबला जीवन तेरी यही कहानी |
अब आग से भी परिचय सभी का हो जायेगा |
स्वर्ण अक्षरों से हर उपलब्धि में ,
तेरा नाम लिखा जायेगा |
हाँ नारी है तू , आदिशक्ति है तू ,
इसी आत्मविश्वास और हिम्मत की दास्ताँ को
हर शख्स बारी - बारी से अब दोहराएगा |
27 टिप्पणियां:
पहले आँख में पानी थे कहते .......
अब आग लिखा जायेगा |
आमीन । अब ऐसे ही तेवर की जरूरत है । इसे बनाए रखिएगा । ओजपूर्ण रचना । बहुत बहुत शुभकामनाएं
निश्चय ही आपकी कामना पूरी होगी..
जब तू कमर कसती है तो थम जाती है दुनिया
देख तेरे सजदे में अब दुनिया झुकने लगी है
I HOPE AND WISH.
जब तू कमर कसती है तो थम जाती है दुनिया
देख तेरे सजदे में अब दुनिया झुकने लगी है
I HOPE AND WISH.
सुंदर रचना
वैसे नारी अब नहीं, कभी भी अबला नहीं रही।
सुन्दर प्रस्तुति ।
क्या बात है!!
आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ
कल 07/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
इस शक्ति को नमन!
वाह...
पहले आँख में पानी थे कहते .......
अब आग लिखा जायेगा |
स्वर्ण अक्षरों में हर उपलब्धि में .....
तेरा नाम लिया जायेगा |
बहुत बहुत सुंदर और सार्थक रचना....
अनु
women is now literate ... so there eyes will not flow ... there will be fire for every bad work
मैं अपने सभी सम्मानित मित्रों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ |
हाँ नारी है तू , आदिशक्ति है तू ,
बहुत अच्छी लगी ...
sashakt rachnaa!!
सुंदर रचना
waah..awesome...
नारी तो पहले भी शक्ति थी आज भी है .. बस उसे अपना बल पहचानना है ...
पहले आँख में पानी थे कहते .......
अब आग लिखा जायेगा |
स्वर्ण अक्षरों में हर उपलब्धि में .....
तेरा नाम लिया जायेगा |
बहुत बढ़िया प्रेरणा ..
नारी को अपनी शक्ति पहचानने की जरुरत होती हैं ..शक्ति तो अन्दर ही है ..
अब तेरे नाम से नया इतिहास रचा जायेगा
पहले आँख में पानी थे कहते .......
अब आग लिखा जायेगा |
नारी शक्ति को नकारना आसान नहीं. नमन इस शक्ति को.
इसी आत्मविश्वास और हिम्मत की दास्ताँ को
हर शख्स बारी - बारी अब दोहराएगा
आत्मविश्वास जगाता सशक्त आव्हान....
Khubsurat aur prabhaavshaali...
सामयिक रचना .....आज नारी सच में अबला नहीं हैं ..
सार्थक रचना ....
सुन्दर प्रस्तुति! ये विश्वास बना रहे!
अब कुछ ऐसे ही मिजाज की जरूरत है नारी कों ... वो अबला न थी न है ..
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