तकरारे वफा

Photo: तकरारे वफा 

वो कहता है  , " मुझमे अब वो पहले जैसी कोई बात ही नहीं |
मैंने कहा , " तेरे दिल में मेरे लिए अब वो , ज़ज्बात ही नहीं |

वो कहता है  , " मेरी कशिश में पहले जैसी खलिश ही नहीं |
मैंने कहा , " तेरी चाहत में अब वो बेइंतहा  तड़प ही नहीं  |

उसने कहा , " तुम अब भी नहीं बदली , वही अंदाज़ रखती हो |
मैंने कहा , " मोहोब्बत हूँ पर बिखरकर संभलने का हुनर रखती हूँ |

उसने कहा , " बार - बार बदलना ये फितरत में नहीं मेरे |
मैंने कहा , " बेवफा ही सही फिर भी वफा की चाह रखती हूँ |

मायूस होकर  , " भूल जाना हमें अब और दर्द न सह पायेंगें |
मैंने कहा , कैसे भूलें ?
तेरे सिवा दिल में किसी और को रख भी तो न पाएंगे |

वो कहता है , " मुझमे अब वो पहले जैसी कोई बात ही नहीं |
मैंने कहा , " तेरे दिल में मेरे लिए अब वो , ज़ज्बात ही नहीं |

वो कहता है , " मेरी कशिश में पहले जैसी खलिश ही नहीं |
मैंने कहा , " तेरी चाहत में अब वो बेइंतहा तड़प ही नहीं |

उसने कहा , " तुम अब भी नहीं बदली , वही अंदाज़ रखती हो |
मैंने कहा , " मोहोब्बत हूँ पर बिखरकर संभलने का हुनर रखती हूँ |

उसने कहा , " बार - बार बदलना ये फितरत में नहीं मेरे |
मैंने कहा , " बेवफा ही सही फिर भी वफा की चाह रखती हूँ |

मायूस होकर , " भूल जाना हमें अब और दर्द न सह पायेंगें |
मैंने कहा , कैसे भूलें ?
तेरे सिवा किसी और को दिल में रख ही  न पाएंगे |

9 टिप्‍पणियां:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

वाह
बहुत सुन्दर...
बेहद सुन्दर एहसास...
जज्बातों का दरिया सा..........

सादर
अनु

Minakshi Pant ने कहा…

बहुत - बहुत शुक्रिया अनु जी |

Minakshi Pant ने कहा…

बहुत - बहुत शुक्रिया अनु जी |

Ramakant Singh ने कहा…

उसने कहा , " तुम अब भी नहीं बदली , वही अंदाज़ रखती हो |
मैंने कहा , " मोहोब्बत हूँ पर बिखरकर संभलने का हुनर रखती हूँ |

बस यही इश्क है जो एक एहसास है

अरुन अनन्त ने कहा…

वाह जी वाह क्या बात है ये पंक्तियाँ तो गजब ढा रहीं हैं.


उसने कहा , " तुम अब भी नहीं बदली , वही अंदाज़ रखती हो |
मैंने कहा , " मोहोब्बत हूँ पर बिखरकर संभलने का हुनर रखती हूँ |

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

उसने कहा , " तुम अब भी नहीं बदली , वही अंदाज़ रखती हो |
मैंने कहा , " मोहोब्बत हूँ पर बिखरकर संभलने का हुनर रखती हूँ |

वाह , क्या बात है ...सुंदर

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

गहरा और स्पष्ट संवाद..

induravisinghj ने कहा…

अनोखा अंदाज़,सुन्दर रचना !!

देवेंद्र ने कहा…

हर ख्वाइस का जरूरी नहीं अहसास होता है।
जो सपने में दिखा वो हकीकत में कहाँ होता है।