दिल
छोटा सा दिल ये मेरा ,
हर दम धड़कता है !
इसको हम केसे रोके ,
हमसे ये कुच्छ कहता है !
जाने अनजानी राहों से ,
हरदम ये गुज़रता है !
पागल ,आवारा ,दीवाना ,
हर कोई इसको कहता है !
मैने भी इक दिन पूछा उससे,
कहाँ तेरा ठिकाना है !
हंस कर वो बोला मुझसे ,
चल तुझे कहाँ जाना है !
मैने भी थामी ऊँगली,
चल दी उसके साथ मै !
रास्ता तो बड़ा कठिन था ,
जाना दिल का हाल रे !
छोटे से दिल का ये सफ़र ,
होता है कमाल रे !
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5 टिप्पणियां:
छोटे से दिल का ये सफ़र , होता है कमाल रे !
बहुत खूब कहा है आपने । शुभ कामनाएं ।
badhai ho Kavi jee, badhaai ho...
बहुत पसन्द आया
हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
बहुत सुन्दर है
आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद दोस्तों !
आपने यहाँ आकर मेरे उत्साह को बडाया!
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