ग़ोर से देखें तो यहाँ .................
कुछ भी तो अपना नहीं !
रूह भी तो खुदा की बख्शी नेमत है !
जिस्म है की मिट्टी की अमानत है !
क्यु न एक जुट होके रहते हम .........
एसी क्या चीज़ है जिसपे गर्व करते हम ?
दोलत से क्या कुछ खरीद पाएंगे ?
क्या इसीके बलबूते पर दूर तल्ख़ जायेंगे !
इसका तो आज यहाँ ..........
कल ...कही और ठिकाना है !
ये मत भूलो, इसे आज नहीं तो कल ........
हर घर घर मै जाना है !
इसे पकड़ के न रख पाएंगे हम ,
फिर इंसा होके इंसा को ठुड़ते नज़र आयेंगे !
तो फिर आज ही से ये वादा..........
खुद से करते हैं हम ,
इंसा हैं तो इंसा की तरह ही रहते हैं !
कभी गुमान के फेरे मै न ही पड़ते हैं !
2 टिप्पणियां:
nice topic
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