आज फिर शुरू हुआ जीवन
जब मैनें आज प्यारा सा
एक सपना देखा |
आज सुबह मैने सूरज को
निकलता हुआ देखा |
आज फिर शुरू हुआ जीवन
जब मैने हरदम रोते हुए
बच्चे को हँसता देखा |
एक बेटे को माँ के
आंसू पोंछते हुए देखा |
आज फिर शुरू हुआ जीवन
जब एक अंधे इन्सान को
किसी राहगीर का
सहारा देते हुए देखा |
लोगों के दिलों में एक दुसरे
के लिए सम्मान देखा |
आज फिर शुरू हुआ जीवन
जब पंछी को मस्त
गगन में उड़ते देखा |
झरने को कल - कल
निरंतर बहते देखा |
आज फिर शुरू हुआ जीवन
जब एक दोस्त का दोस्त
के लिए समर्पण देखा |
ईश्वर के भग्त को
भगति में तल्लीन देखा |
आज फिर से मेरा जीवन
शुरू हुआ |
7 टिप्पणियां:
सुप्रभात, शुभ दिन.
har subha naya din
bahut sunder
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है। शुभकामनायें।
प्रेरक अभिव्यक्ति.
bahut pyari rachna..
jeewan darshan ko paribhashit karti..
ham roj ek nayi jindgi shuru karte hain ek naye jajbe ke sath...
नया दिन,उम्मीद के साथ.
बहुत सुन्दर रचना.
सलाम
sundar abhivaykti
ब्लॉग लेखन को एक बर्ष पूर्ण, धन्यवाद देता हूँ समस्त ब्लोगर्स साथियों को ......>>> संजय कुमार
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