ज़ज्बात


कुछ का कहना है ...
ताक़त की ख्वाइश ,
लुट  का लालच ,
कमजोरों पर जुल्म ,
किसी की आत्मा पर किया गया 
कुठाराघात ,
ये सब सिर्फ  ज़ज्बात हैं |
दर्द देकर मलहम 
लगाने का ढोंग |
किसी की अश्मिता 
से खेलना ,
उसे अपना कहने की 
एक चाल है |
गरीबों की गरीबी
ढकने का छल |
सारे गुनाह करके भी 
बेखोफ होकर जीना |
हर उठती आवाज़ को 
दबाने का हरसंभव प्रयास |
कैसी है ताक़त ?
कैसी है ये  ख्वाइश ?
फिर भी वो कहते हैं ,
यही ज़ज्बात हैं |

13 टिप्‍पणियां:

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

कैसी है ताक़त ?
कैसी है ये ख्वाइश ?
फिर भी वो कहते हैं ,
यही ज़ज्बात हैं |

एक दम व्यवाहारिक बात कही आपने.

सादर

रश्मि प्रभा... ने कहा…

kaise jazbaat ,,, kaise kahte hain log !

Shikha Kaushik ने कहा…

sarthak bhavon ko prakat karti aapki rachna man ko jhankjhorti hai .ye to jajbaat nahi hote ! bahut sateek abhivyakti .aabhar Minakshi ji .

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

bilkula theek....

Unknown ने कहा…

आपके जज़्बात काफी संवेदनशील हैं.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बड़ी सटीक पंक्तियाँ।

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

आपके जज़्बात काफी संवेदनशील हैं.

Vijuy Ronjan ने कहा…

jazbaat khatm ho gaye...tabhi to takat ke aage sab ghutne tek dete hain...
par hamein aise zazbaat ke aage ghutne nahin tekna chahiye...

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

आकुल मन की भावपूर्ण प्रस्तुति ....
ये जज़्बात नहीं ......बहाने हैं.....स्वयं को, गलत होते हुए भी सही साबित करने के |

Kailash Sharma ने कहा…

कैसी है ताक़त ?
कैसी है ये ख्वाइश ?
फिर भी वो कहते हैं ,
यही ज़ज्बात हैं |

बहुत ही मर्मस्पर्शी और गहरे ज़ज्बात...

बेनामी ने कहा…

Bahut Accha laga minakshi G

Ragini ने कहा…

aaj ke tathkathit samaj ke liye yahi "zazbaat" hain......very good!

Minakshi Pant ने कहा…

मैं अपने सभी प्यारे दोस्तों का तहे दिल से शुक्रिया करना चाहूंगी की आपने अपना कीमती वक़्त निकल कर मेरी रचना में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की | बहुत - बहुत शुक्रिया दोस्तों |