
कोई काफिला तेरे कुचे से जब गुजरता होगा |
तेरी बन्दगी में फिर दो बोल तो वो कहता होगा |
तेरी रहमत से ही तो सारा जहान आज रौशन है |
तेरी मर्जी बगैर तो पत्ता भी कहाँ हिलता होगा |
तेरे सजदों ने ही दिलों में सुकून दिला रखा है |
वर्ना इस दुनियां में इसके सिवा क्या रखा है |
तेरा नाम ले - लेकर बजाते तो हैं सब ताली |
पर तेरे नाम को बाँट कर दे रहें हैं सब गाली |
ये तेरी रहमत का फिर कैसा खेल निराला है |
देख तू भी रहा है फिर कुछ क्यु न कर रहा है |
ये जलजला न जाने कब तक आग बरसायेगा |
आके तू रोक ले नहीं तो कुछ गलत हो जायेगा |
16 टिप्पणियां:
तेरी रहमत से ही तो सारा जहान आज रौशन है |
तेरी मर्जी के बगैर तो पत्ता भी कहाँ हिलता है |
सही कहा है आपने ईश्वर की मर्जी के बगैर कुछ भी नहीं होता ....!
ये तेरी रहमत का फिर कैसा खेल निराला है |
देख तू भी रहा है फिर कुछ क्यु न कर पा रहा है |
उसकी रहमतो का कुछ पता नहीं...कब.. कैसे ...किस पर हो जाये
minakshiji
bahut badiya, bahut shaandaar rachna
खूबसूरत भावाभिव्यक्ति
kya keh diya hai minakshi G
ये जलजला न जाने कब तक आग बरसायेगा |
आके तू रोक ले नहीं तो सब भस्म हो जायेगा |
कुछ नहीं किया तो वाकई सब भस्म हो जाएगा...
सचमुच दिल को छूने वाली कृति है !
आप लोग मेरे ब्लॉग पर भी आये आने के लिए यहाँ क्लिक करे!"samrat bundelkhand"
सबने अपना अपना अधिकार जमा रखा है ईश्वर पर।
अति सुन्दर। भावपुर्ण अभिव्यक्ति
खुदाई खुदा की.
तेरी रहमत से ही तो सारा जहान आज रौशन है |
तेरी मर्जी के बगैर तो पत्ता भी कहाँ हिलता है |
तेरे सजदों ने ही दिलों में सुकून दिला रखा है |
वर्ना इस दुनियां में इसके सिवा क्या रखा है |
गहन अनुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति ... हार्दिक बधाई
तेरी रहमत से ही तो सारा जहान आज रौशन है |
तेरी मर्जी के बगैर तो पत्ता भी कहाँ हिलता है |
खुबसूरत अल्फाज़ में संजोई गयी एक बेहतरीन अनुभूति और खुबसूरत अहसासात को बेहद सलीके से पेश करने के लिए बधाई
bhut khubsurat gazal...
shaandaar
mere sabhi doston ka bahut - bahut shkriya dost.
तेरे सजदों ने ही दिलों में सुकून दिला रखा है |
वर्ना इस दुनियां में इसके सिवा क्या रखा है |
Beautiful !!
एक टिप्पणी भेजें