हमारे प्यारे बापू जी



बापू जी बापू जी , चश्मे वाले बापूजी |
सादा जीवन उच्च विचार , ऐसा  बोले  बापूजी |
किस किसने  इनको अपनाया ये तो न जाने बापूजी |
चश्मा ,  लाठी, धोती , कुर्ता हर दम  पहने बापूजी |
दुबली पतली थी काया पर बात में था दम उनके जी |
बुरा न कहो , बुरा न सुनो , बुरा न देखो 
हरदम ऐसा ही  बोले बापूजी |
कितने सरल अंदाज़ में पाठ पढा  गए बापूजी |
और सारे संसार में अपना नाम कर गए बापूजी |
इतने  मुश्किल काम को भी आसां बना गए बापूजी |

आज फिर उनके चरणों में हम शीश नवाए मिलके जी | 

8 टिप्‍पणियां:

Dr Varsha Singh ने कहा…

इतने मुश्किल काम को भी आसां बना गए बापूजी |
आज फिर उनके चरणों में हम शीश नवाए मिलके जी |

उच्च कोटि की रचना.......आभार

मनोज कुमार ने कहा…

वर्तमान युग में नैतिक दार्शनिकों में महात्मा गांधी का नाम सर्वोपरि है। तभी तो आदर से हम उन्हें महात्मा कहते हैं। मूलतः वे एक समाज-सुधारक संत थे। उनका मुख्य कार्य जनता को प्रबुद्ध बनाना था। उन्होंने समाज को नया मार्ग बताया, एक नई दिशा दी। उन्होंने किसी दर्शन और धर्म को जन्म नहीं दिया, किसी सम्प्रदाय की स्थापना नहीं की।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बापू को प्रणाम।

मदन शर्मा ने कहा…

सुन्दर जानकारी ... शुक्रिया ...
आपको नव रात्री की बहुत बहुत शुभकामनाएं .

देवेंद्र ने कहा…

हम सबके थे प्यारे बापू।

सुंदर व सरल प्रस्तुति।

गाँधी जयंती की हम सभा को शुभकामनायें।

Udan Tashtari ने कहा…

शत शत नमन बापू को...

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

bapu ji ki jai ho

Suresh kumar ने कहा…

Bapu ji ko sat-sat naman.