चुनो अपनी राहें


फकत मुकद्दर पर जिन्दा रहना ,
           निकम्मापन और बुझदिली है !
अमन की दुनियां मै मेहनत करके ,
            अपना हिस्सा वसूल करलो तुम !
उजड़ जायेगा चमन ये बाक़ी ,
             गर और कांटें न हटाओगे तुम !
गुलिस्तान की गरचे खेर चाहो ,
            तो चंद कांटें कबूल  करलो तुम ! 

6 टिप्‍पणियां:

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

अपना हिस्सा वसूल करलो तुम !
उजड़ जायेगा चमन ये बाक़ी ,

bahut sateek ,

केवल राम ने कहा…

मीनाक्षी पन्त जी
बहुत सटीक और प्रभावी पंक्तियाँ लिखी है आपने ...इन पंक्तियों में बहुत गहरा भाव अभिव्यक्त हुआ है ....नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ...धन्यवाद

केवल राम ने कहा…

गुलिस्तान की गरचे खेर चाहो ,
तो चंद कांटें कबूल करलो तुम !
xxxxxxxxxxxxxx
प्रेरणादायक पंक्तियाँ ...शुक्रिया

केवल राम ने कहा…

शब्द पुष्टिकरण हटा दें तो टिप्पणी करने में आसानी होगी ..धन्यवाद
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .

Minakshi Pant ने कहा…

आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद दोस्त !

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...