कितने प्यारे कितने न्यारे
दिल के सच्चे होते बच्चे !
प्यारी - प्यारी बातें करके
सबके दिल को हरते बच्चे !
नन्हें - नन्हें अपने पैरों से
हर आँगन मै चलते बच्चे !
हर माँ - बाप के तो ...
दिल की धड़कन होते बच्चे !
दादा - दादी की छत्र - छाया मै
पल कर बड़े होते हैं बच्चे !
अरे ...नाना - नानी के भी तो
लाडले ..........होते हैं बच्चे !
उन सबके बुड़ापे के ही तो
खेल - खिलोने होते बच्चे !
सारी अच्छी - अच्छी बातें भी
उन से ही सीखते बच्चे !
अब मै आगे क्या - क्या बोलूं
क्या उनसे जुदा हो सकतें हैं बच्चे ?
10 टिप्पणियां:
बच्चों का जिक्र मानों खुद मीठी कविता.
bachche man ke sachche
saare jag ki aankon ke taare
बहुत ही बढ़िया.
सादर
माँ-बाबू के सपनो के तारे बच्चे ..
कितने प्यारे बच्चे ..
... हैप्पी बर्थडे आपके प्यारे बच्चे को...
... गिफ्ट में ढेर सारा प्यार प्यारे सच्चे को..
कितने प्यारे
कितने न्यारे
दिल के सच्चे होते बच्चे ! ....
बच्चों पर केन्द्रित सुन्दर कविता के लिए हार्दिक बधाई।
आप सबका बहुत - बहुत शुक्रिया !
प्यारे, प्यारे न्यारे बच्चे।
वाह... अब बच्चे ही सब कुछ ...आपका आभार मीनाक्षी जी ..इस सार्थक और मर्मस्पर्शी कविता के लिए
मर्मस्पर्शी कविता
कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
माफ़ी चाहता हूँ
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