आज का युवा वर्ग काफी रचनात्मक और उत्साह से भरा हुआ है कभी २ वो विध्वंसकारी और अवसादग्रस्त भी हो जाता है | वो देश में अपनेआप को स्थापित करने के लिए अपने लिए जगह तलाश कर रहा है पर मिडिया हर मोड़ पर उसे दिशाहीन बना दे रही है | घर और बहार की दुनिया में जब वो काफी अंतर देखता है तो कोई भी निर्णय लेने में असमर्थ हो जाता है | देश के नेताओं का भ्रष्टाचार में लिप्त होना मिडिया के इतने प्रचार के बावजूद भी उनपर किसी प्रकार की कार्यवाही न होना , आतंकवाद का खत्म न हो पाना | कश्मीर में शहीद होने वाले शहीदों की कवर स्टोरी न बनाने की जगह फ़िल्मी हस्तियों की कवर स्टोरी बनाना ये सब उसे अपने आपसे यह पूछने पर मजबूर कर देते हैं की आखिर वो किसे अपना हीरो माने | अपने दिल में वो बहुत से सपने लेकर चलता है की उसे लेकर वो उन ऊँचाइयों को छु सके जिनके वो सपने देखता है |
आज का युवावर्ग तरल सतह पर टिके सपने देखती है क्षितिज के पार अनजाने भविष्य के सपने | आज के युवावर्ग में इतना जोश है की वह सिर्फ सपना देखती ही नहीं उसे पूरा करने के लिए वो कुछ भी कर गुजरने को तैयार होती है | उसके अन्दर इतना जोश है की उसे आगे बड़ने के बाद रोकना नामुमकिन है | जरूरत है तो सिर्फ उसे सही राह में बड़ने की दिशा दिखाने की जिससे वो अपने सपनों को सही दिशा दिखा सके | सपने रंगों की तरह होते हैं ' संसार सपनो का केनवास ' हैं , बस मन में विश्वास ले कर उसे अपने रंगों से भरते जाना है | अगर हम कल्पना नहीं करेंगें तो उसे हासिल कैसे कर पाएंगे , सपने देखना खुशहाल जीवन को आगे बढ़ाने की सीडी जैसा है | अक्सर लोग सपने देखने वालों पर पहले हँसते हैं पर जब उसे पूरा होने पर ये शब्द कहना की ये मेरा ' बचपन का सपना ' था तो सपनों की महत्ता पर यकीं करवा ही देतें है | जीवन में सबसे पहले कुछ पाने की चाह मन में उठती है उसे पूरा करने के लिए लगन परिश्रम और द्रिड निश्चय का होना बहुत जरुरी है | यही सब हमें सपनों को साकार करने में मदद करती है|ज्यादातर सफल लोग इसी राह में चल कर आगे बड़ते हैं , उनके अलग - अलग ढंग से सोचने और कुछ कर गुजरने की चाह ही उसे उन बुलंदियों तक ले जाती है | एक स्थान में बैठ कर खाली सपने देखने से कुछ हासिल नहीं होता उसे पाने के लिए मेहनत करना बहुत जरुरी है एसा सपना तो पानी के बुलबुले के समान होता है जो कुछ ही देर में खत्म हो जाता है | सपना देखो तो नदी के बहाव की तरह उस अंजाम तक पहुँचों क्युकी जब पानी जिस जगह से शुरू होती है तो बहुत छोटे से स्थान से निकलती है और चलते - चलते उसका विस्तार बढता चला जाता है ! सपने भी हमारे जीवन की एसी ही मजबूत कड़ी है जो सब कुछ बदलने की ताक़त रखती है अगर जरुरत है तो सिर्फ सही दिशा और हिम्मत से उसे पूरा करने की | " आँखों में सपने मन में बंधन और आसमान में उड़ने की चाह "... यही है युवावस्था | युवा सपने गरम लहू के समान होते हैं , वे देश की धमनियों और शिराओं में दौड़ते हुए उसे भीतर ही भीतर बदल डालने की क्षमता रखते हैं | दुनिया की हर क्रांति से पहले बेहतर भविष्य की कल्पना ही लोगों के शरीर में गतिमान होते रहे होंगे | क्रांतिकारियों और रचनात्मक सपनो में फर्क सिर्फ इतना है की क्रांतियाँ गर्जना करती है और रचनात्मक सपने देश में बहुत धीरे से बदलाव लाती है | युवा मन के सपने बसंत की तरह होते हैं जो दबे पांव आता है और देश के भविष्य को बदल डालता है , और सारा देश नई तकनीक नई समृधि और विकास के रंगों में रंग जाता है | युवा स्वपन देश को अहिंसक ढंग से बदलने का मादा रखता है जरुरत है सुकरात जैसे एक एसे अच्छे मरगदर्शक की जो उन्हें सही राह दीखा सके जो उनके विचारों को सही दिशा दे सके क्युकी मानव मन तो बंजर भूमि की तरह है उसमें जेसा बीज हम बोयेंगे वेसा ही प्राप्त करेंगे | आज देश में एसे ही लोगों की जरुरत है जो नई प्रतिभावों को सही राह में ले जाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर सके | आजका नौजवान एक सक्षम देश बनाने का सपना देखता है दरअसल हमारी युवा पीढ़ी महज सपने देखती नहीं बल्कि रोज यथार्थ से लडती है उसके सामने भ्रष्टाचार , आरक्षण का बिगड़ता स्वरूप और महंगी होती शिक्षा जैसी ढेरों समस्याएँ हैं इस चुनौती से भरी दुनियां में उसे अपने को स्थापित करने के लिए संकल्प के साथ आगे बढना है और अपने भविष्य को संवारना हैं | क्युकी हर आने वाला वक़्त अपने साथ चुनौतियाँ ले कर चला है कभी युद्ध तो कभी प्राक्रतिक आपदाएं लेकिन कैसा भी समय क्यु न आ जाये हमारे भीतर के सपनों को हमसे कोई नहीं छिन सकता _ में धरती मै पैदा होने वाले हर इन्सान को प्रणाम करती हु क्युकी हर इन्सान मै बरगद के पेड़ बनने की क्षमता नज़र आती है | जो अपनी मेहनत के द्वारा अपने सपनों को कभी भी साकार कर सकता है | |
सपनो का संसार
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5 टिप्पणियां:
आज का युवावर्ग तरल सतह पर टिके सपने देखती है क्षितिज के पार अनजाने भविष्य के सपने | आज के युवावर्ग में इतना जोश है की वह सिर्फ सपना देखती ही नहीं उसे पूरा करने के लिए वो कुछ भी कर गुजरने को तैयार होती है |
sau fisadi sach.........:)
aaj ka yuva varg apne uss umar se hi jaan jata hai ki kya usko chahiye...jab hame apni nikkar sambhalne bhi nahi aati thi......bilkul sach kah raha hoon!
ek aur baat wo khub maje karta hai, khub daaru peeta hai, cigrette ke dhueyen ke chhalle urata hai, lekin usko pata hai, usko kya chahiye......:)
आज का युवावर्ग तरल सतह पर टिके सपने देखती है क्षितिज के पार अनजाने भविष्य के सपने | आज के युवावर्ग में इतना जोश है की वह सिर्फ सपना देखती ही नहीं उसे पूरा करने के लिए वो कुछ भी कर गुजरने को तैयार होती है |
sau fisadi sach.........:)
aaj ka yuva varg apne uss umar se hi jaan jata hai ki kya usko chahiye...jab hame apni nikkar sambhalne bhi nahi aati thi......bilkul sach kah raha hoon!
ek aur baat wo khub maje karta hai, khub daaru peeta hai, cigrette ke dhueyen ke chhalle urata hai, lekin usko pata hai, usko kya chahiye......:)
युवा स्वप्न से पूर्ण भरा होता है, स्वप्न छूटते जाते हैं और वह वृद्ध हो जाता है।
मैं आपकी बात से बिलकुल सहमत हूँ ...
SAPNO KI DUNIYA BAHIT HI NIRAALI HOTI HAI
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